मोरिंगा के इस्तेमाल से त्वचा और बालों को मिलेंगे अनगिनत फायदे

मोरिंगा
मोरिंगा

मोरिंगा एक पौष्टिक सुपरफूड है, जिसे वंडर ट्री या ट्री ऑफ लाइफ भी कहा जाता है। यह हिमालय के दक्षिणी फुटहिल पर पाया जाता है। हजारों सालों से इसे तमाम बीमारियों के इलाज के लिए औषधि की तरह इस्तेमाल किया जाता है। मोरिंगा में ओट्स से चार गुना ज्यादा फाइबर, गाजर से दोगुना विटामिन ए, दूध से ज्यादा कैल्शियम, केले से ज्यादा पोटैशियम और पालक से ज्यादा आयरन पाया जाता है। सिर्फ इसकी फलियां ही नहीं, मोरिंगा की पत्तियां और इसके फूल भी काफी फायद्मंद होते हैं। इसकी पत्तियों का पाउडर बना कर लोग एक औषधि की तरह इस्तेमाल करते हैं। आइए जानते हैं मोरिंगा के अद्भुत फायदे

किडनी के लिए फायदेमंद

किडनी
किडनी

मोरिंगा किडनी संबंधित बीमारियों से बचाव करता है। यह किडनी स्टोन होने की संभावना को 50त्न तक कम करता है। मोरिंगा में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो किडनी के टॉक्सीसिटी लेवल को कम करते हैं।

अस्थमा में असरदार

अस्थमा
अस्थमा

यह अस्थमा को भी ठीक करने के लिए जाना जाता है। यह अस्थमा अटैक की संभावना को कम करता है और लंग्स की कार्यशैली में सुधार लाता है, जिससे सांस लेने की प्रक्रिया भी सुचारू रूप से संचालित होती है।

डायबिटीज में कारगर

डायबिटीज के मरीजों के लिए मोरिंगा किसी वरदान से कम नहीं है। यह ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखता है। यह ब्लड में से शुगर लेवल घटाता है और साथ ही यूरिन में से भी शुगर और प्रोटीन की मात्रा को कम करता है।

कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करे

सुबह की चाय की मोरिंगा की चाय से रिप्लेस करने से भी काफी फायदे मिलते हैं। यह विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट का सुपर पैक है, जिसके सुबह-सुबह इसे पीने से शरीर को पोषण के साथ एनर्जी मिलती है। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल भी रखता है।

वेट मेंटेन करे

यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और भूख कम करता है, जिससे वजन नियंत्रित होता है। इसमें ऐसे अमीनो एसिड मौजूद होते हैं, जो बालों के विकास के साथ ही स्कैल्प का ख्याल रखते हैं और बालों को मजबूती देते हैं।

त्वचा निखारे

सेहत के साथ ही मोरिंगा त्वचा के लिए भी कारगर है। इसके फेस पैक इस्तेमाल करने से स्किन की रंगत निखरती है और मुंहासे की समस्या भी दूर होती है।

एजिंग की प्रक्रिया धीमा करे

मोरिंगा में मौजूद एंटी एजिंग गुण एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। मोरिंगा के जड़ का सोंठ और अजवाइन के साथ काढ़ा बना कर पीने से साइटिका, पैरों के दर्द और सूजन से राहत मिलती है।

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