नॉन स्टिक बर्तन का उपयोग करना हो सकता है घातक

नॉन स्टिक के बर्तन का इस्तेमाल
नॉन स्टिक के बर्तन का इस्तेमाल

इन दिनों हर कोई अपनी सेहत को लेकर सजग और सचेत हो चुका है। ऐसे में सेहतमंद रहने के लिए लोग स्वस्थ जीवनशैली का पालन करने लगे हैं। हालांकि, हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने के चक्कर में अक्सर हम कई गलतियां कर बैठते हैं। इन दिनों लोगों के बीच नॉन स्टिक बर्तनों का चलन काफी ज्यादा बढ़ चुका है। इन बर्तनों का इस्तेमाल करने से खाना आसानी से बन जाता है। मसाला कहीं भी चिपकता या जलता नहीं है। यही वजह है कि आजकल लगभग हर घर में नॉन स्टिक बर्तन आसानी से मिल जाते हैं। हालांकि, आपके काम को आसान बनाने वाले यह बर्तन आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। नॉन स्टिक बर्तन का लगातार इस्तेमाल कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। आइए जानते हैं नॉन स्टिक बर्तन के कुछ नुकसान। घातक

नॉन स्टिक बर्तन के क्या हैं नुकसान

नॉन स्टिक बर्तन
नॉन स्टिक बर्तन

नॉनस्टिक कुकवेयर में पीएफओए पाया जाता है, जिसे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़ा गया है। यह थायरॉइड डिसऑर्डर, किडनी और लिवर की बीमारियां, ब्रेस्ट, प्रॉस्टेट और ओवेरियन कैंसर के लिए जिम्मेदार होता है। पॉलीटेट्राफ्लूरोएथिलिन को ही आम भाषा में टेफ्लॉन कहा जाता है। इसको पीएफओए (पेरफ्लूरूक्टेनोइक एसिड) के इस्तेमाल से बनाया जाता है, जो कि सेहत के लिए जहरीला होता है। रोजाना टेफ्लॉन में खाना पकाने से यह जहरीला केमिकल समय के साथ शरीर में जमा होने लगता है, जिससे बीमारियां शुरू होती हैं। नॉन स्टिक में इस्तेमाल होने वाली पीएफसी (परफ्लूरिनेटेड केमिकल) प्रेग्नेंसी के लिए घातक साबित हो सकते हैं। इससे बच्चे का वजन कम हो सकता है। साथ ही इम्यून डिस्फंक्शन या प्रीक्लेम्पसिया जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

कैसे करें बचाव

नॉन स्टिक बर्तन
नॉन स्टिक बर्तन

डैमेज हो चुके नॉन स्टिक पैन को तुरंत बदल दें। डैमेज या क्रैक दिखने का मतलब है कि खतरनाक क्कस्नह्र्र की लेयर टूट गई है, जिसमें खाना बनने से वह खाना भी दूषित हो रहा है। ये टॉक्सिन रिलीज करते हैं, जो खाने को दूषित करते हैं और कई बीमारियों को न्योता देते हैं।
अगर नॉन स्टिक का इस्तेमाल कर भी रहे हैं, तो सुरक्षित कुकिंग के लिए सही तापमान का चुनाव करें। नॉन स्टिक कुकवेयर अधिक तापमान पर खाना पकाने के लिए नहीं बनते हैं। इसलिए धीमी आंच पर खाना पकाएं, जिससे इसके खतरे से बचा जा सके।
सही बर्तन का चुनाव करें। नॉन मैटेलिक या वुडन स्पैचुला का इस्तेमाल करें।
एल्यूमीनियम बर्तन से भी परहेज करें। स्टील, शीशे या आयरन के बर्तनों का इस्तेमाल करें।

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