कांग्रेस में मनमोहन कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन

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कांग्रेस के मंत्री—विधायकों ने जमा नहीं करवाया पार्टी फंड का पैसा
सीएम गहलोत चैक से जमा करवा चुके हैं राशि
जयपुर। प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में है, कांग्रेस के नेता मंत्री और विधायक बन गए हैं लेकिन पार्टी फंड में पैसा जमा करवाने में अब भी उदासीन हैंं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक करीब 10 नेताओं को छोड़ अब तक किसी भी नेता ने पार्टी फंड में पैसा जमा नहीं करवाया है।

मनमोहन कमेटी की सिफारिशों के बाद बने हुए नियमों के मुताबिक मंत्री, विधायकों और लाभ के पदों पर बैठे नेताओं को एक महीने का वेतन हर साल पार्टी फंड में जमा करवाने का नियम है। पीसीसी सदस्यों को सालाना 300 रुपए और एआईसीसी सदस्यों को 600 रुपए सालाना पार्टी फंड में जमा करवाना होता है। इस नियम के मुताबिक 31 दिसंबर तक पार्टी फंड में मंत्री विधायकों को पैसा जमा करवाना था।

सीएम अशोक गहलोत एक महीने का वेतन पार्टी फंड में चैक के जरिए जमा करवा चुके हैं, लेकिन बाकी के नेता और मंत्री विधायक सीएम जितनी फुर्ती नहीं दिखा रहे। कांग्रेस के कई मंत्री और नेता नकद पैसा पार्टी फंड में जमा करवाना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने नकद पैसा वापस लौटा दिया और चैक से ही पैसा पार्टी फंड में जमा करवाने को कहा।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक पश्चिमी राजस्थान के एक वरिष्ठ कांग्रेस विधायक तो नकद पैसा जमा नहीं करने पर नाराज होकर प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट तक पहुंच गए थे, लेकिन पायलट ने भी उन्हें चैक से ही पैसा जमरा करवाने की सलाह दी। किसी भी तरह का चुनाव लडऩे से पहले पार्टी से नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेना होता है, ऐसे में कांग्रेस में चुनावों के वक्त ही ज्यादातर नेता पार्टी फंड का बकाया चुकाते हैं। कई पीसीसी और एआईसीसी सदस्य पंचायत चुनाव लडऩा चाहते हैं, इसलिए वे अब पैसा जमा करवाएंगे।