फिक्की द्वारा फ्यूचर ऑफ मोबिलिटी पर वर्चुअल कॉन्फ्रेंस आयोजित

  • टेक्नोलॉजी और मनोविज्ञान परस्पर जुड़े हुए हैं : मुग्धा सिन्हा
  • राजस्थान में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलीसी जल्द ही लागु होगी- रवि जैन

जयपुर। फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल द्वारा आज ग्रीन मोबिलिटी ‘एडवांटेज राजस्थान थीम पर मोबिलिटी के भविष्य पर वर्चुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य राजस्थान में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, मैन्यूफैक्चरिंग पॉसिबिलटीज, इन्सेन्टिव्स, नए इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों, उद्योग की अपेक्षाओं, क्षेत्र में विकास के अवसरों, इनोवेशन, उपभोक्ताओं के व्यवहार परिवर्तन, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन आदि पर विस्तार से चर्चा करना था।

राजस्थान सरकार के साईंस व टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की सैकेट्ररी, मुग्धा सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा कि, यह लोगों का काम नहीं है कि वे मशीन के अनुरूप खुद को ढालें, बल्कि मशीन और उनके निर्माताओं का यह काम है कि वे लोगों के अनुरूप खुद को अभिव्यक्त करें और यहीं बेहतरीन डिजाइन का मूलमंत्र है। मशीन और मनुष्य का मनोविज्ञान आपस में एक-दूसरे से जुड़े है। वर्तमान में निरंतर व्यापक हो रहे तकनीक जगत के अनुरूप हमें हमारी नीतियों का निर्माण करना है। भविष्य के परिचालन की आवश्यकता को इलेक्ट्रिक वाहनों तक ही सीमित नहीं किया जा सकता है। नीतियों का निर्माण डिजाईन के सिद्वांतों के अनुरूप तथा तेजी से परिवर्तनशीलता कारकों के अनुरूप होना चाहिये। इनको प्रेरित करने वाले सिद्वांत जीवन की गुणवता, शहरों की गुणवता और कार्यान्वयन में सुगमता होना चाहिये।

वास्तव में यह क्षेत्र इतना व्यापक है कि जहां एक तरफ इस क्षेत्र में हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ऑटोमेशन आदि के प्रयोग करने की बात करते है, वहीं दूसरी तरफ हम साइकिल के लिये अलग से निर्धारित रास्ता बनाने को भी महत्व देते है। विविध क्षेत्रों में सुगमता लाकर शहरों और इन शहरों में निवास करने वाले लोगों के जीवन में गुणवता का स्तर बढ़ाया जा सकता है।

राजस्थान सरकार के परिवहन विभाग के सैकेट्ररी व कमीशनर, रवि जैन ने अपने संबोधन में बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में पॉलीसी को प्रस्तुत करने वालों में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में से एक होने वाला है। इस संबंध में हम जल्द ही अपनी पॉलीसी लेकर आ रहे है। पर्यावरण हितैषी वाहनों के परिचालन को लेकर राज्य सरकार गम्भीर है और इसी वजह से उन्होंने इस संबंध में कई तरह की रियायतें व प्रोत्साहन कार्यक्रम प्रस्तुत किये है। वर्तमान में राजस्थान में लगभग 2 करोड़ वाहन पंजीकृत है और प्रतिमाह 1 लाख से अधिक वाहनों की ब्रिकी हो रही है इस संख्या को देखते हुए हमारी योजना भविष्यनोमुखी होनी चाहिये। इस संबंध में विविध रियायते देने के साथ हम लोग सार्वजनिक वाहनों के प्रयोग को भी बढ़ावा दे रहे है। जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड के अंतर्गत हमने इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू कर दिया है और आने वाले समय में हम राजस्थान रोडवेज में भी इन बसों को प्रयोग करने जा रहे है।

फिक्की नेशनल कमेटी ऑन इलेक्ट्रिक व्हीकल के चैयरमैन और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के वाईस चैयरमैन शेखर विश्वानाथन ने बताया कि, इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य उज्जवल है लेकिन साथ ही हमें इस बात को भी समझना होगा कि इसकी वृद्धि और स्वीकार्यता इसकी कीमतों और प्रर्दशन पर भी निर्भर करेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग में धीरे-धीरे वृद्धि होगी और ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2050 तक इनकी संख्या कुल वाहनों का 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत हो जायेगी। इसके साथ ही हम इससे संबंधित अन्य चुनौतियों जैसे लागत में बैट्री की कीमत का बड़ा हिस्सा होना, लिथीयम टेक्नोलॉजी पर अत्याधिक निर्भरता आदि पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। पर्यावरण सुरक्षा के लिये आवश्यक है कि हम इसमें काम में आने वाली बैट्रीयों के वैज्ञानिक व पर्यावरण अनुकूल निस्तारण व्यवस्था की स्थापना करें।

होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर, प्रवीण परांजपे ने बताया कि, राजस्थान में सड़क अवसंरचना को विकसित करने, राज्य के दूरस्थ भागों को जोडऩे और इसे मुख्यधारा बनाने में बहुत अधिक ध्यान केन्द्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी निदान दृष्टिकोण को अपनाना सफलता की कुंजी होगी। उन्होंने यह भी साझा किया कि कैसे होंडा अपने उत्पादों के साथ कई बार आगे रहा है और अब अगले साल हाइब्रिड मॉडल के लॉन्च के साथ अपनी विद्युतीकरण यात्रा शुरू करने की योजना बना रहा है।
डिलॉयट इंडिया के ऑटोमोटिव सेक्टर के पार्टनर व लीडर, राजीव सिंह ने बताया, भविष्य में मोबिलिटी में बड़े पैमाने में बदलाव लाने में 5 प्रमुख कारकों-शहरीकरण, आर्थिक प्रगति, जलवायु परिवर्तन, उनभोक्ताओं की पंसद में परिर्वतन तथा डिजीटलाइजेशन और तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आने वाले सालों में सरकारी अनुदान, पर्यावरण के प्रति लोगों की जागरूकता तथा बैट्री की कीमतों में कमी के कारण इलेक्ट्रीक वाहनों की ब्रिकी में उत्तरोतर वृद्धि होगी। इसके साथ चार्जिंग सुविधा में वृद्धि और संस्थापन से आय का एक नया साधन भी विकसित होगा।

फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के को-चैयरमैन और मंडावा होटल्स के सीएमडी, रणधीर विक्रम सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि, ऑटोमोटिव इंडस्ट्री डिजिटलाइजेशन द्वारा संचालित व्यवधान के कगार पर है और विघटन के प्रभावों का अनुभव करना शुरू कर दिया है। उन्होने बताया कि विद्युतीकरण, साझा गतिशीलता, कनेक्टिविटी और स्वायत्त ड्राइविंग जैसे चार प्रौद्योगिकी संचालित टेऊन्ड इस व्यवधान के लिए उद्योग का नेतृत्व कर रहे हैं। उनके अनुसार ऑटोमोबाइल उद्योग वैश्विक और भारतीय स्तर पर विद्युतीकरण या ई-मोबिलिटी के प्रभावों को महसूस कर रहा है और 2030 तक इससे इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑटोमोबाइल क्षेत्र में पर्याप्त हिस्सेदारी मिल सकती है।

राजस्थान सरकार के जॉइन्ट ट्रांसपोर्ट कमीशनर, डॉ बी एल रोलन ने सैशन जर्नी टुवार्डस सेसटेनेबल ट्रांसपोर्ट को संबोधित करते हुए कहा कि, राजस्थान के 5 प्रमुख शहरों, जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा और अलवर का एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी खराब है। अत: हमें राजस्थान में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में और परिवहन व्यवस्था में परिवर्तन और सुधार की आवश्यकता है। इस संबंध में इलेक्ट्रिक वाहनों संबंधित पॉलीसी की भूमिका महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होने यह भी बताया कि जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड और राजस्थान रोडवेज द्वारा लगभग 150 इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद की जा रही है। राजस्थान सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक कुल वाहनों की संख्या को 30 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का है।

जर्नी टुवार्डस सेसटेनेबल ट्रांसपोट’ सैशन में पीडब्ल्यूसी इंडिया के क्लीन एनर्जी के पार्टनर, अमित कुमार, राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर, राकेश चोपड़ा, होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड के एवीपी-आरएंडडी, महेश अग्रवाल, लिथियन पावर प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और सीईओ, पीयूष गुप्ता तथा टाटा मोटर्स के स्टेट हेड-दिल्ली (सरकार और सार्वजनिक मामलों), दीपांजन बनर्जी ने अपने-अपने विचारों को विस्तार से साझा किया।

वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के अंत में, फिक्की राजस्थान सब-कमेटी ऑन एचआर एंड स्किल्स और होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड के वीपी, सुनील कुमार यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया और बताया कि भविष्य ग्रीन मोबिलिटी की गतिशीलता का है क्योंकि इन तकनीकों को अपनाने की दिशा में एक समृद्ध इच्छा, तकनीकी प्रगति और झुकाव दिखता है। राजस्थान में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी जल्द आने वाली है और इसलिए आज की थीम ग्रीन मोबिलिटी एडवांटेज राजस्थान रखी गई है। कॉन्फ्रेंस में 200 से अधिक प्रतिभागियों और इंडस्ट्री के सदस्यों ने भाग लिया।