
गर्मियां और उसके बाद मानसून दोनों ही सीजन में पेट के संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। जिसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस, गैस्ट्रिक फ्लू और पेट फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। इसमें आंतों और पेट में जलन व सूजन की समस्या हो सकती है। पेट फ्लू के लिए रोटावायरस और नोरोवायरस जिम्मेदार होते हैं। आमतौर पर इन्फेक्शन के 2 से 3 दिन बाद इसके लक्षण नजर आते हैं। पेट में ऐंठन, दस्त, बुखार के साथ उल्टी जैसे दिक्कतें देखने को मिल सकती हैं। डॉ. के अनुसार, हाथों की नियमित साफ-सफाई बहुत ही अच्छी आदत है, जो हमें स्वस्थ रखने और बीमारियों की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। खाना खाने से पहले, खाने के बाद, शौच, गॉर्डनिंग के बाद हाथ धोने से सर्दी, फ्लू और पेट के इन्फेक्शन से दूर रह सकते हैं। जो वायरस और बैक्टीरिया गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बनते हैं, वे गंदे हाथों के जरिए ही फैलते हैं। नियमित हाथ धोने की आदत से कई तरह की बीमारियों के प्रसार को रोका जा सकता है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस के संकेत देते हैं उल्टी, दस्त और तेज बुखार, साफ-सफाई भी उपाय
गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचाव के उपाय
हाथों की नियमित सफाई

गैस्ट्रोएंटेराइटिस का इलाज वायरस के आधार पर किया जाता है। हालांकि इस समस्या को रोकने का सबसे प्रभावी इलाज हाथ की साफ-सफाई है। जी हां, हाथों को स्वच्छ रखकर स्टमक इन्फेक्शन के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। साबुन या हैंड वॉश के कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को रगडक़र साफ करें फिर पानी का इस्तेमाल करें। ध्यान दें हाथ पोंछने वाला कपड़ा या तौलिया भी साफ हो।
हाथ धोने के फायदे बताएं

घर के सदस्यों खासतौर से बच्चों को हाथ धोने के फायदे बताएं कि कैसे हाथ धोने से पेट के इन्फेक्शन का खतरा कम किया जा सकता है। बताने के साथ ही उन्हें हाथ धोने का सही तरीका भी सिखाएं।
सैनिटाइजर का महत्व
कई जगहों पर हाथ धोने की उचित व्यवस्था नहीं होती, ऐसे में अपने साथ सैनिटाइजर या वाइप्स कैरी करें। सैनिटाइजर्स हाथों और सतहों पर मौजूद जम्र्स का खात्मा करने में बेहद प्रभावी होते हैं। वाइप्स भी ठीक इसी तरह काम करते हैं। हाथ की स्वच्छता पर ध्यान देकर गर्मी हो या मानसून या फिर सर्दियां, हर एक मौसम में बीमारियों से महफूज रह सकते हैं।
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