वार्डविज़र्ड इनोवेशन्स ने किया भारत के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक दोपहिया प्लांट का उद्घाटन

  • 6000 रोज़गार के अवसर उत्पन्न करेगा यह प्लांट
  • नए प्लांट के वर्चुअल उद्घाटन समारोह का नेतृत्व , गृह मंत्री अमित शाह भारत सरकार द्वारा किया गया

अहमदाबाद। इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेन्ट में अग्रणी कंपनियों में से एक वार्डविज़र्ड इनोवेशन्स एण्ड मोबिलिटी लिमिटेड जिसके पास ज्वॉय ई-बाईक और व्योम इनोवेशन का स्वामित्व है, ने गुजरात के वड़ोदरा में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के निर्माण के लिए आधुनिक युनिट का उद्घाटन किया है। कंपनी ने नए प्लांट में रु 45 करोड़ का निवेश किया और पहले चरण की पहली पारी में इसमें सालाना 1 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने की क्षमता है। कंपनी ने उच्च प्रदर्शन वाली इलेक्ट्रिक बाईकों के 4 नए मॉडल- बीस्ट, थंडरबोल्ड, हरीकेन और स्कायलाईन भी लॉन्च किए हैं। एक अनुमान के मुताबिक यह नया प्लांट 6000 से अधिक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न करेगा।

न्ए प्लांट का वर्चुअल उद्घाटन 28 जनवरी को भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने किया। उद्घाटन समारोह में रंजनबेन भट, संसद सदस्य, वड़ोदरा और राजेन्द्र त्रिवेदी, स्पीकर, गुजरात राज्य विधानसभा भी मौजूद थे।

इस अवसर पर यतिन गुप्ते, चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेश, वार्डविज़र्ड ग्रुप ने कहा, ‘‘हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के आह्वान के प्रेरित, वार्डविज़र्ड ग्रुप में हमें खुशी है कि हमने इतने कम समय में यह विस्तार कार्य पूरा कर लिया है। मुझे अमित शाह जी के इस बड़े कदम पर बात करते हुए बेहद गर्व का अनुभव हो रहा है, जिन्होंने इस कार्य में अपना पूरा सहयोग एवं प्रोत्साहन दिया है। हम चेसीज़ से लेकर बैटरी तक इलेक्ट्रिक बाईकों के सभी पार्ट्स और कम्पोनेन्ट्स बनाएंगे। इलेक्ट्रिक बाइकों की बढ़ती मांग के साथ हमें उम्मीद है कि 2025 तक हम समग्र इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेन्ट में 25 फीसदी बाज़ार हिस्सेदारी हासिल कर लेंगे।’

ब्राण्ड ज्वॉय ई-बाईक के तहत कंपनी ने उच्च प्रदर्शन करने वाली चार इलेक्ट्रिक बाइकों के नए मॉडल बीस्ट, थंडरबोल्ड, हरीकेन और स्कायलाईन लॉन्च किए हैं, जो शानदार स्पीड, पावर और पिक-अप फीचर्स के साथ आते हैं। कंपनी की ई-बाईक और ई-स्कूटर के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में 10 से अधिक मॉडल्स शामिल हैं, जो उद्योग जगत का सबसे बड़ा पोर्टफोलियो है।

इस नई सुविधा में पहले चरण में सालाना 1 लाख युनिट से अधिक ई-बाइकें बनाने की क्षमता है, जिसे 2-3 पारियों के साथ सालाना 3-4 लाख युनिट्स तक विस्तारित किया जा सकता है। घरेलू बाज़ार के अलावा कंपनी अफ्रीका, मध्यपूर्व और यूरोप में अपनी ई-बाइकें निर्यात करने की योजना भी बना रही है। कंपनी अन्य ई-वाहन ब्राण्ड्स को भी अपनी निर्माण सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उनके साथ साझेदारियों के लिए तैयार है। अगले 3-4 सालों में कंपनी ने रु 500-600 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य तय किया है और कंपनी इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर का लॉन्च भी करेगी। श्री गुप्ते ने कहा।