किराये पर दिए जाएंगे अन्न भण्डारण योजना के अंतर्गत निर्मित हो रहे गोदाम

अन्न भण्डारण
अन्न भण्डारण
  • पैक्स की होगी नियमित आय, वित्तीय स्थिति होगी सुदृढ़

  • सहकारिता विभाग ने जारी की मानक संचालन प्रक्रिया

  • नैफेड और एनसीसीएफ ने भी गोदाम किराये पर लेने के लिए किया आश्वस्त

जयपुर। विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजना के अंतर्गत राज्य में निर्मित किये जा रहे गोदामों को अब किराये पर दिया जा सकेगा। सहकारिता विभाग द्वारा इस संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की गई है। गोदामों को किराये पर दिए जाने से पैक्स को नियमित आय होगी और उनकी वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होगी। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर भंडारण की सुविधा उपलब्ध कराने तथा पैक्स की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से ‘सहकार से समृद्धि’ कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में वृहद् स्तर पर गोदामों का निर्माण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही वित्तीय सहायता से ये गोदाम निर्मित किये जा रहे हैं। गोदामों को किराये पर उपलब्ध कराने के लिए एसओपी में प्राथमिकता क्रम में दो अलग-अलग विकल्प दिये गए हैं।

राजपाल ने बताया कि प्रथम विकल्प के अनुसार पहली प्राथमिकता में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए अन्न भण्डारण/ मिड डे मील/ उचित मूल्य दुकान (अन्न)/ अन्य कृषि उत्पाद/ अन्य वैकल्पिक उत्पाद आदि के लिए गोदाम किराये पर दिया जा सकेगा। द्वितीय प्राथमिकता के अनुसार, यदि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा उपभोग आधारित विकेन्द्रीकृत भण्डारण की उपलब्धता के उद्देश्य से गोदाम की मांग की जाती है, तो उसे प्राथमिकता दी जाएगी। तीसरी प्राथमिकता में आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान खाद्यान्न उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की आवश्यकतानुसार उसे प्राथमिकता दी जाएगी।

इसी प्रकार, चौथी प्राथमिकता में यदि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ब्लॉक स्तर पर आमजन के लिए निर्धारित सामग्री के भण्डारण का निर्णय लिया जाता है, तो भण्डारण हेतु खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को प्राथमिकता दी जाएगी। जबकि, पांचवी प्राथमिकता में गोदाम बाजार दर पर अनुमोदित किराये पर नहीं लिये जाने की संभावना होने पर सरकारी विभाग/ संस्था अथवा सहकारी संस्था द्वारा निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित कम्पनी/ फर्म/ सदस्य को अनुमोदित किराये पर गोदाम उपलब्ध करवाया जा सकेगा। प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि द्वितीय विकल्प की पहली प्राथमिकता में समिति के सदस्य/ सदस्यों को भण्डारण की आवश्यकता होने पर उचित दर पर भण्डारण की सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकेगी। द्वितीय प्राथमिकता में समिति के कार्यक्षेत्र के कृषकों को समर्थन मूल्य पर खरीद प्रारम्भ होने तक लिए उनकी फसल को रखने के लिए गोदाम उपलब्ध कराया जा सकेगा। जबकि, तीसरी प्राथमिकता में सीमेंट, मशीनरी, खाद-बीज के लिए गोदाम किराये पर दिया जा सकेगा।

राजपाल ने बताया कि समिति द्वारा गोदाम किराये पर देने के लिए पूरे वर्ष का एक कैलेण्डर तैयार किया जाएगा। गोदाम किराये पर दिए जाने से पूर्व वार्षिक कैलेण्डर, किराया निर्धारण एवं अन्य प्रस्ताव का खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा अनुमोदन किया जाएगा। न्यूनतम एक वर्ष एवं अधिकतम तीन वर्ष के लिए पंजीकृत किरायानामा के माध्यम से गोदाम किराये पर दिया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि नैफेड तथा एनसीसीएफ द्वारा भी विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजना के तहत निर्मित किए जा रहे इन गोदामों को किराये पर लिए जाने के लिए आश्वस्त किया गया है। उन्होंने बताया कि नैफेड द्वारा श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चित्तौड़गढ़, सीकर, अलवर, जयपुर, राजसमंद, टोंक, सवाईमाधोपुर, झुंझुनूं तथा उदयपुर जिले के 58 गोदामों को किराये पर लेने हेतु आश्वस्त किया गया है। जबकि, एनसीसीएफ की ओर से भी गोदामों को किराये पर लेने हेतु विभाग को पत्र लिखकर आश्वस्त किया गया है।