
खीर का नाम सुनते ही दिमाग में मीठे, मलाईदार दूध में पके हुए चावल और सूखे मेवों की खुशबू आ जाती है, लेकिन क्या आपने कभी प्याज की खीर के बारे में सुना है? जी हां, यह कोई मजाक नहीं, बल्कि इतिहास के पन्नों में दर्ज एक अनोखी डिश है, जिसका जन्म निजामों के दौर में हुआ था। जब भारत में निजामी सल्तनत का शासन था, तब एक समय ऐसा आया जब भारी सूखे के कारण चावल की कमी हो गई, लेकिन मिठाई खाने के शौकीन निजामों के लिए बिना खीर के कोई भी दावत अधूरी मानी जाती थी। ऐसे में शाही बावर्चियों ने एक नया प्रयोग किया – उन्होंने चावल की जगह प्याज का इस्तेमाल करके खीर बनाई! हैरानी की बात यह है कि यह प्रयोग इतना सफल हुआ कि यह खीर धीरे-धीरे शाही भोजन का हिस्सा बन गई। इस अनोखी डिश में प्याज को इस तरह पकाया जाता है कि उसकी तीखी महक पूरी तरह गायब हो जाती है और वह एक बेहतरीन मिठाई के रूप में बदल जाती है। निजामी सल्तनत के दौर में बनी थी प्याज की खीर? पढिय़े ये दिलचस्प स्टोरी
चावल की कमी से बनी प्याज की खीर

इस कहानी की शुरुआत होती है निजामी सल्तनत के दौर में, जब एक समय भारी सूखे और अकाल के कारण चावल की भारी कमी हो गई थी। चावल उस समय खीर बनाने की मुख्य सामग्री था, और इसे शाही भोज का अभिन्न हिस्सा माना जाता था, लेकिन जब चावल उपलब्ध नहीं था, तब भी निजामों की रसोई में दावतें जारी थीं और मिठाई के बिना उनकी कोई भी दावत पूरी नहीं होती थी। शाही बावर्ची इस संकट का हल निकालने में लगे हुए थे। वे सोच रहे थे कि ऐसा क्या किया जाए जिससे खीर जैसी मिठाई बनाई जा सके, लेकिन बिना चावल के। इसी दौरान, किसी रसोइये के दिमाग में प्याज का इस्तेमाल करने का अनोखा विचार आया। हालांकि, प्याज को आमतौर पर नमकीन और तीखे व्यंजनों में उपयोग किया जाता था, लेकिन शाही बावर्चियों ने इसे स्पेशल तरीके से पकाकर इसका स्वाद पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने प्याज को पहले धीमी आंच पर अच्छी तरह पकाया, ताकि उसकी तीखी महक और स्वाद गायब हो जाए। फिर इसे दूध, शहद, सूखे मेवे और केसर के साथ पकाया गया, जिससे एक बिल्कुल नई और अलग तरह की मिठाई तैयार हो गई – प्याज की खीर।
यह भी पढ़ें : राजस्थान विधानसभा : विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट