
जयपुर। राज्य सरकार के लेखानुदान से सीकर संभाग के लोगों को काफी उम्मीदें थी। लेकिन लेखानुदान में जिक्र नहीं होने से संभाग को एक भी बड़े प्रोजेक्ट की सौगात नहीं मिल सकी। इस बार सीकर नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा मिलने की सीकरवासियों की उम्मीदें थी, लेकिन यह सपना भी पूरा नहीं हो सका। वहीं अंचल की सबसे बड़ी पेयजल योजना भी अटक गई। बजट को लेकर विभिन्न वर्ग के लोगों से बातचीत।

उम्मीदों पर फिरा पानी
राजस्थान की भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले डीजल-पैट्रोल पर वैट कम करने समेत अनेक लोकलुभावने वादे राज्य की जनता से किए थे। लेकिन राज्य सरकार के पहले लेखानुदान-बजट में वित-मंत्री ने इन सभी पर चुप्पी साधकर जनता को बुरी तरह से निराश किया है। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में वित्तीय सहायता 12,000 रुपए प्रति वर्ष देने का वादा किया था, लेकिन बजट में इसे सिर्फ 8,000 रुपए प्रति वर्ष की घोषणा की गई है। गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस देकर 2700 रुपए प्रति क्विंटल खरीदने का वादा भी अधूरा रहा।
अमराराम, राज्य सचिव, माकपा

विकास पर किया है फोकस
बजट में सरकार ने राज्य पर बढ़ रहे निरंतर कर्जे को कम करने व राज्य को विकास की पटरी पर लाने का फोकस रखा है। सरकार ने युवाओं के लिए 70 हजार भर्तियों के साथ महिलाओं के लिए 1500 रुपए पेंशन, प्रदेश में सडक़ों के लिए 1500 करोड़ का प्रावधान शामिल है।
स्वदेश शर्मा, जिलाध्यक्ष, भाजयुमो
जनता को मिलेगी राहत
लाडो प्रोत्साहन योजना लागू कर बालिका के जन्म पर एक लाख रुपए का बांड देने, 174 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना, एक साल में 70 हजार भर्तियां कर युवाओं को रोजगार, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ोतरी जैसी घोषणा अच्छी पहल है।
मुकेश सोनी, सोशल एक्टिविस्ट
पुरानी पेंशन का जिक्र नहीं
बजट में पुरानी पेंशन का कहीं जिक्र नहीं किया गया। इससे साफ जाहिर है यह सरकार पुरानी पेंशन विरोधी है। डबल इंजन की कहीं जाने वाली इस सरकार का यह बजट महिलाओं, युवाओं और बेरोजगारों के लिए निराशाजनक बजट है।
मुकुंद तिवाड़ी, महामंत्री, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी
वादों की हकीकत आई सामने
बेरोजग़ार, किसान, पिछड़ा व वंचित ठगा सा महसूस कर रहा है। विधान सभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री ने जो जुमला दिया था पेट्रोल डीज़ल में राहत देने का उसका ज़िक्र तक वित मंत्री ने नही किया। गहलोत सरकार की योजनाओं का नाम बदलने का काम किया है।
किशन सिंह चौहान, महासचिव, पीसीसी
सभी घोषणा सराहनीय
बजट मे सतहर हजार पदों पर सरकारी भर्तियां, मानदेय कर्मचारियों के मानदेय मे दस प्रतिशत की बढ़ोतरी, रिटायरमेंट के दिन ही पेंशन परिलाभों की स्वीकर्तियां जारी करने, डीपीसी में दो साल की छूट देना स्वागत योग्य कदम है।
भंवर सिंह, सेवानिृवत्त शिक्षक
मिलेगी राहत
बजट में हर वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। आमजन को राहत प्रदान करने का काम किया है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा, गोपालन क्रेडिट कार्ड की योजना व युवा साथी केंद्र इसका उदाहरण है।
राकेश नेहरा, गुंगारा
कोई राहत नहीं
प्रदेश में पेट्रोल डीजल पर वेट कम करके सस्ता करने की तरफ ध्यान तक नहीं दिया गया। इसकी लोगों को सबसे ज्यादा उम्मीद थी। इसी तरह न तो सीकर नगर परिषद को निगम बनाया गया व न फोर लेन पुलिया के लिए राशि आबंटित की गई।
राधेश्याम पारीक, अध्यक्ष, सीकर संभाग व्यापार संघ
विद्यार्थियों को भी फायदा
विश्वकर्मा योजना के तहत ब्याज मुक्त लोन, पुलिस आधुनिकीकरण पर 200 करोड़, 12 लाख किसानों को बीज, सरकारी विद्यालयों के प्रत्येक विद्यार्थी को 1 हजार सहित राज्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर की 45 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान कर राजस्थान की आम जनता को शानदार सौगात दी है।
राजकुमार किरोड़ीवाल , जिला मीडिया सह प्रभारी, भाजपा
सभी वर्गों के लिए बेहतर है बजट
बजट युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी वर्गों के लिए अच्छा बजट है। बेरोजगार युवाओं के लिए 70 हजार नौकरी, वरिष्ठ नागरिकों के लिए रोडवेज बस में किराए में 50 प्रतिशत की छूट, स्कूली छात्र-छात्राओं को एक हजार रुपए नकद देने एवं सामाजिक सुरक्षा के तहत वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने जैसे निर्णय आमजन को राहत देने वाला है।
संदीप कलवानिया, एडवोकेट
पेंशन का कोई जिक्र नहीं
एक देश में दो कानून नही हो सकते। सरकार के मंत्रियों, विधायको, सांसदो को पुरानी पेंशन और कर्मचारियों को नई पेंशन के नाम पर कुछ नही। बजट में पुरानी पेंशन का कही भी जिक्र नही है। सरकार की मंशा पुरानी पेंशन विरोधी है। 16 फरवरी को आम हड़ताल का समर्थन करते हुए विरोध करेंगे।
महेन्द्र भगत, जिलाध्यक्ष, प्रबोधक संघ
बजट दिशाहीन
डबल इंजन की सरकार ने केवल निराशाजनक बजट पेश किया। वित्त मंत्री महिला होने के बाबजूद भी महिलाओ के लिए बजट में कुछ विशेष प्रावधान नही किया। पेंशन में मामूली बढ़ोतरी भी ऊंट के मुंह मे जीरा समान है। डबल इंजन को सरकार के अंतरिम बजट में सभी वर्गों को निराशा हाथ लगी है। बजट पूरी तरह दिशाहीन है।
गोविन्द पटेल, प्रवक्ता, जिला कांग्रेस कमेटी
जनता के साथ वादा खिलाफी
प्रदेश के किसान, युवा, महिलाएं समेत समाज का हर वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं पर चिरंजीवी योजना को लेकर कोई खास खुलासा नहीं हुआ उसको वैसे के वैसे उलझा के रखा हुआ है। युवाओं को रोजगार देने की बात करते हैं वही 5000 राजीव गांधी युवा मित्रो को नौकरी से निकाल दिया गया है।
डॉ सुनील धायल, प्रदेश उपाध्यक्ष, व्यापार प्रकोष्ठ, आम आदमी पार्टी, राजस्थान
गोपालकों को फायदा
सीकर संभाग और जिला के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं की गई है। फिर भी आम घोषणाओं का लाभ सीकर की जनता को मिलेगा। गोपालको के लिए गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना लागू होनी है।
अभिषेक बोहरा, सीए
सिर्फ लोक लुभावने वादों का बजट
राज्य की भाजपा सरकार द्वारा पेश किया गया लेखानुदान बजट सिर्फ लोक लुभावने वादों का बजट रहा। कृषि बजट को भी समाप्त कर किसान वर्ग पर कुठाराघात किया । सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1000 से 1500 बढ़ाने का वादा किया था पर 150 रुपए ही बढ़ाए गए है।
रामनिवास बिड़ोदी, सचिव, पीसीसी
सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाया
सामाजिक सुरक्षा पेंशन में राशि वृद्धि जन कल्याणकारी कार्य है। बजट में जल जीवन मिशन के जरिए 25 लाख परिवारों को नल से जल मिलेगा जो जनता के लिए लाभकारी है। यह बजट व्यापारी वर्ग के फायदा का बजट है।
महावीर चौधरी, जिला अध्यक्ष, व्यापार महासंघ
खिलाडिय़ों को भी मिलेगा फायदा
70 हजार को सरकारी नौकरी लगने का अवसर युवा वर्ग के लिए बड़ा तोहफा है। पूरी संभावना है कि शारीरिक शिक्षक तथा अन्य खेल से संबद्ध सरकारी नौकरी का अवसर मिलेगा।
रेणु कुमावत, छात्रा
दिखाया सरकार ने विजन
अटल इन्नोवेशन स्टूडियो एवं अक्सेलरेट की स्थापना से युवाओं के आइडियाज को एक मंच मिलेगा। ऑल राउंड पर्सनालिटी डेवलपमेंट योजना के तहत शेखावाटी क्षेत्र के युवाओं का फायदा मिलेगा।
मनोज धानिया, जिला प्रमुख, एबीवीपी
नई उम्मीद जगी
बजट युवाओं के लिए नई आशा की किरण है। केजी से पीजी तक फ्री शिक्षा, 70 हजार पदों पर भर्तियां और भर्ती बोर्ड का कैलेंडर जारी करने का निर्णय सराहनीय है। बजट में महिला व बुजुर्गों की पेंशन में 150 रुपए की बढ़ोतरी की गई है और बुजुर्गों को रोडवेज किराए में 50 फीसदी छूट दी गई है।
यशस्वी राठौड, सीकर
मिशन ओलम्पिक ठीक, भत्ता कब होगा दोगुना
सरकार ने मिशन ओलम्पिक की घोषणा कर खिलाडिय़ों को राहत देने का काम जरूर किया है। लेकिन खिलाडिय़ों के भत्ते को को लेकर कोई विजन नहीं दिखाया है। युवाओं के दम पर सत्ता में आने वाली भाजपा के राज में बेरोजगार परेशान होने पर मजबूर है। पिछले 23 दिनों से जयपुर में चिकित्सा विभाग की भर्तियों को लेकर बेरोजगार धरने पर है। लेकिन सरकार इनकी नियुक्ति को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं जारी कर पा रही है। इस कारण प्रदेश के बेरोजगारों को अब सीफू के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लडऩी पड़ेगी।
ओमप्रकाश महला, महासचिव, राजस्थान बेसबॉल एसोसिएशन
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