पाकिस्तान में जल-जला, आधा देश डूबने की कगार पर

पाकिस्तान
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कंगाली में हुआ आटा गीला, सेना बुलाई

इस्लामाबाद। आतंक को पालने वाला पाकिस्तान एक बार फिर बुरे दौर से गुजर रहा है। भारी बारिश ने पाकिस्तान के सिंध ओर बलूचिस्तान में बाढ़ के हालात ला खड़े किए हैं। मदद के लिए पाक सेना बुलाई गई है। पहले ही राजस्व संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए बाढ़ के हालात बनना कोढ़ में खाज साबित होगा। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने शनिवार को बताया कि प्रभावित इलाकों में सेना को मदद करने का आदेश दिया गया है। बाढ़ से 3.30 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।

पूरे पाकिस्तान में बाढ़ से अब तक 982 लोगों की मौत हो चुकी है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 45 लोगों की मौत हुई है। गत 24 घंटों में 113 लोग घायल हुए हैं। इसके साथ ही घायलों की संख्या 1,456 हो गई है।

सिंध व बलूचिस्तान का बुरा हाल

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बाढ़ से सिंध व बलूचिस्तान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। यहां बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। पाकिस्तान रेलवे ने दोनों प्रांतों के कई इलाकों में ट्रेनें बंद कर दी हैं। वहीं, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने खराब मौसम के कारण शुक्रवार को बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के लिए उड़ानें रोक दीं। गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत सेना को बुलाया गया है। यह सरकार को आपात स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन की मदद करेगी। बाढ़ ने देश के बुनियादी ढांचे को बुरी तरह प्रभावित किया है।

एनडीएमए ने बताया कि 3,161 किलोमीटर से अधिक सड़क क्षतिग्रस्त हो गई और 149 पुल बह गए, जबकि 682,139 घर बाढ़ में पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। अभूतपूर्व बारिश के कारण पाकिस्तान में आई बाढ़ से देश का आधे से अधिक हिस्सा जलमग्न हो गया है। 110 जिलों में 57 लाख से अधिक लोग बगैर भोजन व ठिकाने के रहने को मजबूर हैं।

192 फीसदी ज्यादा बारिश

एनडीएमए के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 30 सालों के दौरान पाकिस्तान में मानसून काल में औसत वर्षा 132.3 मिलीमीटर बारिश होती थी, जबकि इस साल 14 जून से अब तक 385.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। पिछले तीन दशकों की तुलना में लगभग 192 फीसदी अधिक है।

पाकिस्तान के पर्यावरण मंत्री शेरी रहमान ने बताया कि देश में आमतौर पर हर साल लगभग तीन से चार बार मूसलाधार बारिश होती है। हालांकि, इस साल अब तक आठ बार मानसून की चपेट में रहा है और अधिक बारिश की उम्मीद है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को इस्लामाबाद स्थित राजदूतों, उच्चायुक्तों और राजनयिक कोर के राजदूत के अन्य वरिष्ठ सदस्यों के एक समूह के साथ बैठक में देश में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी दी।

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