
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण पर्व का जब हम स्मरण कर रहे हैं, तब ये भी नहीं भूल सकते कि आज के ही दिन मुंबई में हुए आतंकी हमले की भी बरसी है। इस हमले में जिन व्यक्तियों का निधन हुआ, उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं। मैं देश का यह संकल्प भी दोहराता हूं कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
मोदी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माता ये जानते थे कि भारत की आकांक्षाएं, भारत के सपने समय के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे। वो जानते थे कि आज़ाद भारत की और भारत के नागरिकों की ज़रूरतें बदलेंगी, चुनौतियां बदलेंगी। इसलिए उन्होंने हमारे संविधान को महज़ कानून की एक किताब बनाकर नहीं छोड़ा, बल्कि इसको एक जीवंत, निरंतर प्रवाहमान धारा बनाया। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान देश की हर अपेक्षा और जरूरत पर खरा उतरा है। यह संविधान की ताकत ही है कि आज जम्मू-कश्मीर में बाबा साहेब का संविधान पूरी तरह से लागू हो सका है। पहली बार जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस मनाया गया।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है और भारत का संविधान हमें राह दिखा रहा है। यह हमारे लिए मार्गदर्शक बन गया है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान, हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य का मार्गदर्शक है। आज हर देशवासी का एक ही ध्येय है- विकसित भारत का निर्माण। उन्होंने कहा कि भारतीयों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है। दंड आधारित व्यवस्था अब न्याय आधारित व्यवस्था में बदल चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, 53 करोड़ से ज्यादा ऐसे भारतीयों का बैंक खाता खुला है, जो बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाते थे। पिछले 10 वर्षों में, 4 करोड़ ऐसे भारतीयों को पक्का घर मिले हैं, जो कई कई पीढ़ियों से बेघर थे।