सावन में राशि के अनुसार पहनें रुद्राक्ष, बना रहेगा शिव का आशीर्वाद

सावन में रुद्राक्ष
सावन में रुद्राक्ष

शिवपुराण के विंदेश्वर संहिता में भगवान शिव स्वयं पार्वतीजी को रुद्राक्ष की महिमा बताते हुए कहते हैं कि जहां रुद्राक्ष की पूजा होती है वहां से लक्ष्मीजी कभी दूर नही जाती । रुद्राक्ष धारण करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शिवपुराण के अनुसार सभी आश्रमों , सभी वर्णो , स्त्रियों को रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। शिवपुराण में भगवान शिव ने रुद्राक्ष के प्रकारों , मंगलकारी विधानों का वर्णन करते हुए इसे धारण करने की विधि भी बताई है। शिव पुराण के अतिरिक्त पद्मपुराण , श्रीमददेवीभागवत पुराण , स्कंदपुराण , रुद्राक्ष जाबालोपनिषद , आदि में रुद्राक्ष की महिमा और उसके भेदों के साथ , हर रुद्राक्ष से संबंधित मंत्रों का भी वर्णन किया गया है । सावन रुद्राक्ष

सावन 2024 में रुद्राक्ष पहनने से मिलेगी पद , प्रतिष्ठा , धन धान्य की नहीं होगी कमी

सावन में रुद्राक्ष
सावन में रुद्राक्ष

शुभ नक्षत्र , तिथि , वार को रुद्राक्ष धारण करने से अत्यंत लाभ होता है । रुद्राक्ष धारण करने का अत्यंत शुभ समय सावन मास का सोमवार है । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चतुर्मास में जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं तो भगवान शिव ही सृष्टि का पालन करते हैं । चतुर्मास का पहला माह सावन मास है जो शिवजी को अत्यंत प्रिय है । इस वर्ष 2024 में सावन मास 22 जुलाई से प्रारंभ होकर 19 अगस्त तक रहेगा । सावन 2024 में 5 सोमवार पड़ेंगे जो 22 जुलाई , 29 जुलाई , 5 अगस्त , 12 अगस्त और 19 अगस्त को रहेंगे । । सावन के सोमवार को रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को सुख समृद्धि, पद , तरक्की , व्यापार में लाभ , मनचाही सफलता , धनलाभ मिलता है। कुछ विशेष प्रकार के रुद्राक्ष को पहनने से विवाह में आने वाली कठिनाइयों का अंत होता है , संतान की प्राप्ति, पति पत्नी के संबंधों में भी सुधार होता है ।

राशि के अनुसार पहने रुद्राक्ष

सावन में रुद्राक्ष
सावन में रुद्राक्ष

विशेष प्रकार की सफलता या कठिनाइयों के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के रुद्राक्ष का वर्णन किया गया है । व्यक्ति अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए सावन के सोमवार को अपनी राशि के अनुसार भी रुद्राक्ष धारण कर सकता है । सावन के सोमवार को ? नम: शिवाय का 108 बार जाप कर रुद्राक्ष को सात्विक मन से धारण करने से व्यक्ति की सभी आकांक्षा पूर्ण होती है । उनके अनुसार जातक अपनी राशि के अनुसार निम्न प्रकार रुद्राक्ष पहन सकते हैं ।

1- मेष राशि के जातक को त्रिमुखी , पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

2- वृष राशि के जातक को मनोकामना सिद्धि के लिए चतुर्मुखी, सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

3- मिथुन राशि के जातक को व्यक्तित्व विकास , उन्नति के लिए चतुर्मुखी , षटमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

4 – कर्क राशि के जातक को पारावरिक संबंधों में वृद्धि , अच्छे स्वास्थ्य के लिए त्रिमुखी , द्विमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इससे

5- सिंह राशि के व्यक्तियों को त्रिमुखी , द्वादशमुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। यदि राजनैतिक जीवन में उन्नति की आकांक्षा है तो एकमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

6 – कन्या राशि के जातक को सफलता के लिए चतुर्मुखी , षटमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। विद्यार्थी और शिक्षकों के लिए चतुर्मुखी रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी है।

7 – तुला राशि के जातक को प्रगति , सुख समृद्धि के लिए सप्तमुखी , एकादशमुखी , चतुर्दशमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

8 – वृश्चिक राशि के जातक द्विमुखी रुद्राक्ष को धारण कर हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है।

9- धनु राशि के जातक यदि पंचमुखी , द्वादशमुखी रुद्राक्ष धारण करते है तो उन्हे धन धान्य , ज्ञान में वृद्धि, तरक्की प्राप्त होगी ।

10 – मकर राशि के जातक सप्तमुखी , एकादशमुखी , चतुर्दशमुखी रुद्राक्ष धारण कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

11- कुंभ राशि के जातक को ज्ञान वृद्धि , व्यापार में उन्नति के लिए षटमुखी , सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

12 – मीन राशि के जातक को सभी क्षेत्रों में प्रगति के लिए त्रिमुखी , पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

रुद्राक्ष धारण करने वाले को ये नियम का पालन करना चाहिए

रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य है अन्यथा विपरीत प्रभाव भी हो सकता है । उनके अनुसार रुद्राक्ष धारण किए हुए व्यक्ति को तामसिक भोजन करते समय, मदिरा का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।

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