मौसम बदल रहा है, मेंटल हेल्थ हो सकती है प्रभावित, ऐसा क्यों जानिए

मेंटल हेल्थ
मेंटल हेल्थ
Advertisement

हम में से बहुत लोग इस बात को महसूस करते हैं कि मौसम में बदलाव, हमारे शरीर को भी प्रभावित करता है। साइंस भी ऐसा ही मानता है। साइंस की मानें तो मौसम और वातावरण के तापमान में होने वाले बदलाव हमारे शरीर और इसकी सेहत को प्रभावित करते हैं। लेकिन हाल ही में आय शोध मौसम और हमारे मूड यानी कि मेंटल हेल्थ जुड़े प्रभावों के बारे में बताता है। जी हां, वल्र्ड इकोनॉमिक फोर की मानें तो, मौसम में बदलाव हमारे मानसिक सेहत को गहराई से प्रभावित करता है। जैसे-जैसे तापनान बढ़ता है या घटता है वैसे-वैसे हमारे शरीर का कामकाज बदलता है। जैसे कि ब्लड सर्रकुलेश, ब्लड प्रेशर और मेटाबोलिज्म। इसी तरह मौसम बदलने के साथ कई अन्य प्रकार से भी मानसिक सेहत प्रभावित होती है, आइए जानते हैं कैसे।

माइग्रेन और सिरदर्द

माइग्रेन और सिरदर्द
माइग्रेन और सिरदर्दQ

मौसम में उतार-चढ़ाव, विशेष रूप से तापमान, ह्यूमिडिटी, बैरोमीटर का दबाव और हवा के पैटर्न में परिवर्तन, अतिसंवेदनशील व्यक्तियों में माइग्रेन और सिरदर्द की वजह बन सकता है। इसकी असल वजह अभी तक साफ नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह बदलाव मस्तिष्क में केमिकल और इलेक्ट्रिकल सिग्नल को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे सिरदर्द की संभावना बढ़ जाती है।

सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (एसएडी)

एसएडी एक प्रकार का डिप्रेशन है, जो आम तौर पर विशिष्ट मौसमों के दौरान होता है, खासकर जब सर्दियों के महीनों में जब सूरज की रोशनी कम होती है। सूरज की रोशनी का कम संपर्क शरीर की इंटरनल क्लॉक को बिगाड़ देता है, जिससे सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर में असंतुलन पैदा होता है, जो मूड और पूरे मस्तिष्क के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

नींद में खलल

नींद में खलल
नींद में खलल

मौसम में बदलाव, जैसे अत्यधिक तापमान, तूफान या ज्यादा ह्यूमिडिटी, नींद के पैटर्न में बाधा डाल सकते हैं। नींद में खलल होने से कॉग्नेटिव फंक्शन, मेमोरी और पूरे मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, अपर्याप्त नींद की वजह से मूड संबंधी डिसऑर्डर, न्यूरोडीजेनेरेटिव डिजीज और कॉग्नेटिव परफॉर्मेंस में कमी का खतरा बढ़ जाता है।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव

मौसम परिवर्तन का मस्तिष्क स्वास्थ्य पर अप्रत्यक्ष मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ सकता है। लंबे समय तक उदास, बरसाती मौसम या तूफान या गर्मी की वजह से तनाव, चिंता या अवसाद बढ़ सकता है। प्रतिकूल मौसम की स्थिति में लंबे समय तक रहने से दैनिक दिनचर्या बाधित हो सकती है, बाहरी गतिविधियां सीमित हो सकती हैं और सामाजिक मेलजोल कम हो सकता है। ये सभी चीजें मेंटल हेल्थ और कॉग्नेटिव फंक्शन को प्रभावित कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें : भूपेश मेहता बने जीतो यूएसए वाशिंगटन डीसी चैप्टर के अध्यक्ष