क्या हैं माघ मास में स्नान के नियम? जानें क्या करें और क्या न करें? देखें स्नान की महत्वपूर्ण

माघ मास
माघ मास

माघ का महीना आरंभ हो चुका है। हिंदू धर्म में माघ का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने का आरंभ हर वर्ष पौष पूर्णिमा से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलता है। धार्मिक मान्यता है माघ के महीने में स्नान, दान, पुण्य और आराधना करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस बार माघ माह 7 जनवरी से प्रारंभ हो चुका है और ये 18 फरवरी को महाशिवरात्रि को समाप्त होगा। इस महीने में लोग गंगा स्नान के बाद पूजा-अर्चना करते हैं। माघ में सूर्यदेव की पूजा-आराधना करने से जीवन में पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। माघ महीने में भगवान विष्णु, सूर्यदेव और मां गंगा की पूजा-आराधना करने का विशेष महत्व होता है।

माघ मास से जुड़े नियम

माघ मास
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  • माघ मास में व्यक्ति को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।
  • इस माह में आलस्य करना, अधिक देर तक सोना और स्नान न करने से सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
  • माघ मास के सभी दिनों में आप तुलसी की पूजा करें और गीता का पाठ करें। आपको ईश्वर की कृपा प्राप्त होगी।
  • माघ में आप शनि दोषों से मुक्ति के लिए काले तिल का दान करें और राहु दोष से मुक्ति के लिए गर्म कपड़े या कंबल का दान करें।
  • माघ माह में गंगा स्नान करने से पाप मिट जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • कल्पवास की शुरुआत मां तुलसी और भगवान शालिग्राम के पूजन से होता है।

प्रमुख तिथियां

  • 15 जनवरी, 2023 – मकर संक्रांति
  • 21 जनवरी 2023 – मौनी अमावस्या
  • 05 फरवरी 2023 – माघी पूर्णिमा
  • 18 फरवरी 2023 – महाशिवरात्रि

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