क्या होता है कोलन कैंसर : ये फूड्स खाकर बच सकते हैं इस लाइलाज बीमारी से

कोलन कैंसर
कोलन कैंसर

कोलन कैंसर बेहद गंभीर बीमारी है, जो बड़ी आंत में शुरू होती है। वैसे तो यह समस्या बूढ़े लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन यह किसी को भी प्रभावित कर सकती है। यह कैंसर पहले बड़ी आंत की वॉल में फिर लिंफ नोड्स में और फिर पूरे शरीर में फैलने लगता है। कोलोन इन्फेक्शन मतलब मलाशय के अंदरूनी लेयर पर सूजन। मलाशय में बैक्टीरियल या किसी दूसरे इन्फेक्शन का सही समय पर इलाज न मिलने पर बढ़ते समय के साथ ये गंभीर रूप ले लेता है। इसलिए इसके लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है, जिससे समय रहते इनकी पहचान कर इलाज पर ध्यान दिया जा सके।

कोलन कैंसर के लक्षण

शुरुआत में कोलन कैंसर में कोई लक्षण महसूस नहीं होते। लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बिगड़ती है वैसे वैसे कैंसर के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

बार-बार पेट में दर्द
बार-बार पेट में दर्द

बार-बार पेट में दर्द
अक्सर पेट खराब होना या बार-बार उल्टियां
बिना वजह वजन कम होना
हर वक्त थकान महससू होना
मल त्याग में बार बार खून आने की समस्या
एनीमिया

दस्त या कब्ज होना

दस्त या कब्ज होना
दस्त या कब्ज होना

इनमें से सबसे गंभीर लक्षण मल में खून आना होता है, जिस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। लेकिन, इसका मतलब हमेशा यह नहीं है कि आपको कोलन कैंसर हुआ है, तो अगर आपको अन्य दूसरे लक्षण भी शरीर में नजर आएं, तो डॉक्टर से कंसल्ट करने में देरी न करें। वैसे अन्य बीमारियों, जैसे- बवासीर, अल्सरेटिव कोलाइटिस के भी लक्षण मिलते-जुलते होते हैं। एनीमिया होने पर भी थकान, कमजोरी फील होती रहती है।

कोलन कैंसर की जांच

कोलोनोस्कोपी

कोलोनोस्कोपी एक ??प्रक्रिया है, जो बड़ी आंत (कोलन) और मलाशय की जांच करने के लिए की जाती है। यह आंतों में बदलाव या असामान्यताओं का पता लगा सकता है। यह प्रक्रिया एक लंबी, लचीली ट्यूब (कोलोनोस्कोप) की मदद से की जाती है। इसे कोलोनोस्कोपी जांच के दौरान मलाशय में रखा जाता है।

कोलन कैंसर का खतरा कम करती है ये फूड्स

लौंग है फायदेमंद

लौंग में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। लौंग को खानपान में शामिल करने से कब्ज की प्रॉब्लम नहीं होती, साथ ही ये कोलन भी साफ रखता है।

सेब है कारगर

सेब खाने से आप कई सारी हेल्थ प्रॉब्लम्स से बचे रह सकते हैं। इसमें विटामिन्स, एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइबर की अच्छी मात्रा मौजूद होती है। जिससे पाचन संबंधी दिक्कतें नहीं होती जो कोलन कैंसर से बचाव में बेहद मददगार है।

अलसी के बीज

अलसी के बीज में कई तरह के न्यूट्रिशन होते हैं। जिनकी हमारी बॉडी को आवश्यकता होती है। अलसी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और कोलन में किसी भी प्रकार के टॉक्सिन्स को इक_ा नहीं होने देता।

पपीता

पपीता में पाए जाने वाले एंजाइम्स, फाइबर, और विटामिन सी की मात्रा पाचन संबंधी दिक्कतों को दूर करने में मदद कर सकती है। इसमें कुछ खास तरह के लुब्रिकेंट्स और एंग्जाइम पाए जाते हैं, जो कोलन को साफ करते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि हर व्यक्ति का शरीर और पाचन सिस्टम अलग होता है, इसलिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

कोलन कैंसर को कैसे रोका जा सकता है?

कोलन कैंसर को रोकने का कोई निश्चित उपाय नहीं है, लेकिन स्क्रीनिंग परीक्षणों के जरिए बीमारी का जल्द पता लगाया जा सकता है। कोलन कैंसर की समय पर पहचान उसे सफलतापूर्वक इलाज करने की संभावनाएं बढ़ाती है। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके साथ-साथ जोखिम कारकों जैसे धूम्रपान और शराब से दूर रहना और अपने वजन और शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखना भी कोलन कैंसर के ख़तरे को कम कर सकते हैं।

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