
देश में टाइम कैप्सूल की चर्चा जोरों पर है। हर कोई जानाना चाहता है कि यह टाइक कैप्सूल है क्या। दरअसल, ऐसी चर्चा है कि राम मंदिर की जिम्मेदारी संभाल रहे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जिम्मेदारों से हवाले से मीडिया में यह खबरों आम हो रही हैं कि राम मंदिर के हजारों फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल दबाया जाएगा, ताकि भविष्य में मंदिर से जुड़े तथ्यों को लेकर कोई विवाद न रहे।
इस कैप्सूल में मंदिर का इतिहास और इससे जुड़े तथ्यों के बारे में जानकारी होगी। कामेश्वर चौपाल ने राममंदिर को लेकर चले संघर्ष और सुप्रीम कोर्ट में लंबे संघर्ष ने वर्तमान की और आने वाली पीढिय़ों के लिए एक सीख दी है। राम मंदिर निर्माण स्थल के 200 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा, ताकि भविष्य में कोई भी राम मंदिर के इतिहास का अध्ययन करना चाहेगा तो उसे राम जन्मभूमि से जुड़े तथ्य मिल जाएंगे और इससे कोई नया विवाद पैदा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि कैप्सूल को एक ताम्र पत्र के अंदर रखा जाएगा।
टाइम कैप्सूल कैप्सूल में मंदिर का इतिहास और इससे जुड़े तथ्यों के बारे में जानकारी होगी
टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है जिसे विशिष्ट सामग्री से बनाया जाता है। टाइम कैप्सूल हर तरह के मौसम का सामना करने में सक्षम होता है, उसे जमीन के अंदर काफी गहराई में दफनाया जाता है। काफी गहराई में होने के बावजूद भी हजारों साल तक न तो उसको कोई नुकसान पहुंचता है और न ही वह सड़ता-गलता है। टाइम कैप्सूल को दबाने के पीछे यह लॉजिक दिया जाता है कि संबंधित जगह या स्थल की सम्पूर्ण जानकारी और इतिहास का पूरा लेखा जोखा इसमें डाल दिया जाता है कि भविष्य में जरुरत पडऩे पर किसी जरुरत या विवाद की सूरत में इससे तथ्य निकाले जा सकें।