मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप केंद्र सरकार के नए आईटी नियमों के खिलाफ कोर्ट पहुंच गई है। तीन महीने पहले जारी की गई गाइडलाइन में वॉट्सऐप और उस जैसी कंपनियों को अपने मैसेजिंग ऐप पर भेजे गए मैसेज के ओरिजिन की जानकारी अपने पास रखनी होगी। सरकार के इसी नियम के खिलाफ कंपनी ने अब दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कंपनी का कहना है कि सरकार के इस फैसले से लोगों की प्राइवेसी खत्म हो जाएगी। वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने बताया कि मैसेजिंग ऐप से चैट को इस तरह से ट्रेस करना लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा। हमारे लिए यह वॉट्सऐप पर भेजे गए सारे मैसेज पर नजर रखने जैसा होगा, जिससे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का कोई औचित्य नहीं बचेगा।
प्रवक्ता के मुताबिक, हम लगातार सिविल सोसायटी और दुनियाभर के विशेषज्ञों के साथ उन पहलुओं का विरोध करते आए हैं, जिससे यूजर की प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। इस बीच हम मामले का समाधान निकालने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे।
सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए इसी साल 25 फरवरी को गाइडलाइन जारी की थी और इन्हें लागू करने के लिए 3 महीने का समय दिया था। डेडलाइन मंगलवार यानी 25 मई को खत्म हो गई। वॉट्सऐप, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने अब तक नहीं बताया कि गाइडलाइंस को लागू किया गया या नहीं। ऐसे में सरकार इन पर एक्शन ले सकती है।