महाकुंभ का शाही स्नान कब है? जानें शुभ मुहूर्त और अमृत स्नान के नियम

महाकुंभ
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संगमनगरी यानी के उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जल्द ही महाकुंभ लगने वाला है। महाकुंभ की तैयारियां प्रयागराज में जोरों पर हैं। महाकुंभ 144 वर्ष बाद आता है। इस मेले की शुरुआत के लिए साधु-संत और श्रद्धालु बेसब्री से करते हैं। महाकुंभ का अमृत स्नान सबसे पहले साधु-संत करते हैं, इसके बाद श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाचे हैं। धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने सभी पापो से छुटकारा मिल जाता है और सभी दुख और दर्द से छुटकारा मिल जाता है। अगर आप भी प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए शाही स्नान और इसके शुभ मुहूर्त।

महाकुंभ का अमृत स्नान का डेट और टाइम

महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या के दिन किया जाएगा। पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 जनवरी को शाम 07 बजकर 35 मिनट से शुरु हो रही है और तिथि का समापन 29 जनवरी को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर होगी। उद्या तिथि के अनुसार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी।

जानें शुभ मुहूर्त

-ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक।

– विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से लेकर 03 बजकर 05 मिनट तक।

– गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 55 मिनट से लेकर 6 बजकर 22 मिनट तक।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

-सूर्योदय – सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर होगा।

– सूर्यास्त- शाम 05 बजकर 58 मिनट पर

जानिए अमृत स्नान के नियम

– महाकुंभ में स्नान के समय नियम का पालन न करने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होती है। इसलिए आपको स्नान के नियम पता होने चाहिए।

– जब आप अमृत स्नान कर रहे हैं तो साबुन और शैंपू का प्रयोग नहीं करें।

– स्नान करने बाद आपको अपने अनुसार अन्न, धन और वस्त्र आदि चीजों का दान करना चाहिए।

– इस दौरान दीपदान करना भी जरुरी होता है। यह काफी फलदायी होता है।

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