
खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से बढ़ी थोक महंगाई
नई दिल्ली। महंगाई के र्मोचे पर आम जनता को झटका देने वाली खबर है। थोक महंगाई दर अप्रैल महीने में सालाना आधार पर उछलकर 13 महीने के उच्चतम स्तर 1.26 फीसदी पर पहुंच गई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में बताया कि खाने-पीने की चीजों की कीमत बढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित थोक महंगाई दर अप्रैल महीने में 1.26 फीसदी रही है। इससे पहले मार्च 2023 में थोक महंगाई दर 1.34 फीसदी थी। पिछले महीने मार्च में 0.53 फीसदी थी, जबकि फरवरी महीने में 0.20 फीसदी और जनवरी में 0.27 फीसदी रही थी।
यह रही वजह
मंत्रालय ने यहां जारी एक बयान में बताया कि अप्रैल महीने में थोक मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं, बिजली, कच्चे पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों के निर्माण, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि रही है। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर बढ़कर 7.74 फीसदी हो गई, जो मार्च महीने में 6.88 फीसदी रही थी।
सब्जियों की महंगाई दर अप्रैल में 23.60 फीसदी रही
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक सब्जियों की महंगाई दर अप्रैल में 23.60 फीसदी रही, जो मार्च में 19.52 फीसदी थी। इसी तरह ईंधन और बिजली की थोक महंगाई अप्रैल में 1.38 फीसदी रही, जो मार्च में -0.77 फीसदी रही थी। गौरतलब है कि अप्रैल में खुदरा महंगाई दर घटकर 11 महीने के निचले स्तर 4.83 फीसदी पर आ गई है। हालांकि खाद्य मुद्रा स्फीति 8.70 के साथ ऊंची बनी हुई है। इस साल मार्च में खुदरा मुद्रा स्फीति 4.85 और पिछले साल अपै्रल में यह 4.70 प्रतिशत थी। खुदरा मुद्रा स्फीति लगभग आठ महिने से आरबीआई के स्वीकार्य दायरे में है। केंद्रीय बैंक को इसे 2 से 6 पीऊसदी के बीच में रखने का लक्ष्य दिया गया है।
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