
नई दिल्ली। केंद्र सरकार में रेलवे की जॉब सबसे अच्छी नौकरियों में से एक मानी जाती है। रेलवे में भी कई ऐसी पोस्ट होती हैं, जिसके लिए सबसे ज्यादा आवेदन आते हैं। इन्हीं में से ही एक पोस्ट है स्टेशन मास्टर। कई उम्मीदवार रेलवे में स्टेशन मास्टर बनने का सपना देखते हैं। लेकिन इन दिनों रेल मंत्रालय स्टेशन मास्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है। देशभर में 5353 स्टेशन मास्टरों के पद खाली पड़े हैं।

बुधवार को बहुजन समाजवादी पार्टी के अमरोहा से लोकसभा सांसद कुंवर दानिश अली ने रेल मंत्रालय से संबंधित सवाल पूछा। सांसद अली ने सरकार से सवाल किया कि रेलवे स्टेशनों पर स्टेशन मास्टरों की भारी कमी है। इनकी भर्ती के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। साथ ही अभी स्टेशन मास्टर के कितने पद खाली हैं। सांसद अली के सवाल पर रेल मंत्रालय ने जवाब दिया कि, एक फरवरी 2023 की स्थिति के मुताबिक भारतीय रेलवे में स्टेशन मास्टर के 41884 पद स्वीकृत हैं। इनमें 36531 ऑनरोल है। जबकि 5353 रिक्त पद हैं। सभी श्रेणियों में स्टेशन मास्टर के जितने पद मौजूदा समय में परिचालन के जरुरी हैं, उनकी वास्तविक संख्या तय पदों से ज्यादा होती है। इसी वजह से स्टेशन मास्टर के कुल पदों की संख्या में 30 से 12.5 फीसदी तक घटती-बढ़ती रहती हैं।
रेलवे कहना है कि मंत्रालय में पदों का रिक्त होना और उनका भरा जाना सतत प्रक्रिया है। इन्हें रेलों द्वारा परिचालनिक आवश्यकताओं के अनुसार भर्ती एजेंसियों को मांगपत्र भेजकर भरा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, पद रिक्त होते हैं और उन्हें बाद में भरा जाता है। स्टेशन मास्टरों की 6865 रिक्तियों को केंद्रीकृत रोजगार अधिसूचना (सीईएन) सं. 01/2019 – गैर तकनीकी लोकप्रिय कोटियां (एनटीपीसी) के तहत अधिसूचित किया गया था। तथा मांग पत्र भेजने वाली रेलों को इनके पैनल पहले ही भेज दिए गए हैं।
स्टेशन मास्टर बनने के लिए होना चाहिए ये योग्यता
रेलवे में स्टेशन मास्टर बनने के लिए उम्मीदवार के पास न्यूनतम योग्यता ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। वहीं उम्मीदवार की उम्र 18 से 33 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा में छूट भी आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को दी जाती है। स्टेशन मास्टर पदों पर भर्ती, आरआरबी एनटीपीसी भर्ती परीक्षा के तहत की जाती है। यह परीक्षा पांच चरणों में होती है। इनमें दो ऑनलाइन परीक्षा, कंप्यूटर आधारित एप्टीट्यूड टेस्ट, टाइपिंग टेस्ट और दस्तावेज सत्यापन शामिल होता है। पहले दो चरण की ऑनलाइन परीक्षा कंप्यूटर आधारित होती है। इसके बाद एप्टीट्यूड और टाइपिंग टेस्ट देना होता है।
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