मंदिरों में क्यों बजाये जाते हैं घंटी व घंटे?

Temple Bells

लगभग सभी मंदिरों में बाहर घंटे या घंटियां लटकी होती हैं, जिन्हें मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्त श्रद्धा के साथ बजाते हैं। मान्यता है कि जिन स्थानों पर घंटी की आवाज नियमित तौर पर आती है, वहां का वातावरण हमेशा सुखद और पवित्र रहता है तथा बुरी एवं नकारात्मक शक्तियां पूरी तरह निष्क्रिय हो जाती हैं।

पुराणों में कहा गया है कि मंदिर में घंटी बजाने से मनुष्य के कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि घंटी बजाने से मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है, जिसके बाद उनकी पूजा-आराधना फलदायी बन जाती है। मंदिरों में घंटी बजाने का वैज्ञानिक कारण भी है। जब घंटी बजाई जाती है तो उससे वातावरण में कंपन उत्पन्न होता है, जो वायुमंडल में काफी दूर तक जाता है।

इस कंपन की सीमा में आने वाले जीवाणु-विषाणु आदि सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे वातावरण में शुद्धता आती है तथा भक्तों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। घंटा या घंटी बजाने से हमारा मस्तिष्क ईश्वर की दिव्य ऊर्जा ग्रहण करने के लिए तैयार हो जाता है जिससे मन प्रसन्न होता है तथा असीम शांति का अनुभव होता है।