
ऋषभ पंत जैसा हादसा होने पर क्या करें
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज और विकेट कीपर ऋषभ पंत शुक्रवार की सुबह उस समय बाल-बाल बच गए जब उनकी मर्सिडीज जीएलई एसयूवी देहरादून में रुड़की के पास तेज रफ्तार से दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसमें आग लग गई। 30 दिसंबर को दिल्ली-देहरादून हाईवे पर एक डिवाइडर से टकराने के बाद एसयूवी पूरी तरह से जलकर खाक हो गई थी, और कुछ ही पलों में उसमें आग लग गई थी। आग से बचने के लिए ऋषभ पंत को एसयूवी की एक खिड़की तोडऩी पड़ी थी। स्थानीय निवासियों और चश्मदीदों ने समय रहते उसकी मदद की जिससे उन्हें बहुत कम चोटें आईं।

हाई स्पीड रफ्तार के प्रभाव के बाद कार में आग लगना कोई असामान्य बात नहीं है। सीसीटीवी फुटेज से इस बात की पुष्टि होती है कि पंत को गाड़ी चलाने के दौरान झपकी आ गई और उस समय एसयूवी बहुत तेज रफ्तार में थी। मॉडर्न कारों में ऐसी घटनाओं के बाद आग का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि इन कारों को बनाने में प्लास्टिक, फोम, बिजली के तारों या फैब्रिक का इस्तेमाल होता है। फिर तेज टक्कर के बाद ईंधन लीक होने की संभावना हमेशा बनी रहती है और अत्यधिक गर्मी के कारण इंजन या बैटरी में आग लगने का खतरा होता है। इससे भी बदतर बात यह है कि ऐसी घटनाओं के मामले में ज्यादातर कारों में सुरक्षा उपाय के रूप में अनिवार्य फायर एक्सटिंग्विशर (अग्निशामक यंत्र) नहीं होते हैं।
दुर्घटनाएं किसी भी समय, किसी भी परिस्थिति में हो सकती हैं। ऐसी स्थिति कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं जो किसी की मौत या चोट की संभावना को कम कर सकत हैं। अगर समय पर एहतियाती कदम उठाए जाएं तो कार को पूरी तरह से जलने से भी रोका जा सकता है।
आग से निकलें
ऐसी स्थिति में फंसे किसी भी व्यक्ति के लिए जलती हुई गाड़ी से बाहर निकलना पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता होनी चाहिए। जलती हुई कार के अंदर फंसे होने की स्थिति में, खुद को बाहर निकालने के लिए खुली हुई खिड़कियों को तोडऩे के लिए किसी नुकीली चीज का इस्तेमाल करें। आग से लडऩे के प्राथमिक हथियार के रूप में फायर एक्सटिंग्विशर को रखने से भी जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है। एक कार में कई ज्वलनशील उपकरण होते हैं जो एक छोटी सी आग को जल्दी से बढ़ा सकते हैं, और कुछ मामलों में विस्फोट भी कर सकते हैं।
पीडि़त की मदद करें
अगर आपके सामने ऐसी कोई घटना घटती है तो यह जरूरी है कि पीडि़त को जल्द से जल्द कार से बाहर निकालने में मदद करें। ऋषभ पंत के मामले में, चश्मदीद और स्थानीय निवासी ने बिना समय गंवाए जलती हुई एसयूवी से बचने में उनकी मदद की। यदि पीडि़त अपनी सीट बेल्ट नहीं खोल सकता है या टक्कर के कारण दरवाजा अटक गया है, तो खिड़की को तोडऩे के लिए नुकीली चीजों का इस्तेमाल करें या सीट बेल्ट काटकर उनकी मदद करें।
प्राथमिक चिकित्सा किट अपने पास रखें

इन दिनों ज्यादातर कारों में एक छोटी प्राथमिक चिकित्सा किट स्टैंडर्ड तौर पर होती है। इसमें वे ज्यादातर चीजें होती हैं जिनकी छोटी चोटों के मामले में जरूरत पड़ती है। हालांकि, कोई थोड़ा ज्यादा सतर्क हो सकता है और छोटी मात्रा में जलने के पीडि़तों के इलाज के लिए किट में अल्कोहल वाइप्स या एलोवेरा जेल भी शामिल कर सकता है।
रोड साइड असिस्टेंस, इमरजेंसी सर्विस को कॉल करें
एक छोटी आग के मामले में, जिसे फायर एक्सटिंग्विशर की मदद से बुझाया जा सकता है, नुकसान का आकलन करने के लिए रोड साइड असिस्टेंस और बीमा प्रदाता को कॉल करें। यदि आग बुझाने के यंत्र का इस्तेमाल करने के बाद भी आग बेकाबू रहे, तो जल्द से जल्द फायर ब्रिगेड को फोन करें। घटना स्थल को खाली कराने और दूसरों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए और यातायात को कंट्रोल करने के लिए यातायात अधिकारियों को भी कॉल करें।
जलती हुई कार से दूर रहें
अगर आपके सामने ऐसी किसी कार में आग लग गई हो तो, तो दूर रहें। अपने वाहनों को भी सुरक्षित दूरी पर रखें। दिल्ली में हाल की एक घटना से पता चलता है कि कैसे एक कार में आग लगने से एक बड़ी आपदा हो सकती है, जहां पास में खड़ी 20 अन्य कारें भी जल गईं।
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