
पीसीसी में पत्रकार वार्ता में बोले प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष
जयपुर। राजस्थान की भाजपा सरकार, मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री पहले ईआरसीपी जल समझौते की बात कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे थे और अब 17 फरवरी, 2024 को राजस्थान के शेखावाटी में यमुना के पानी को लाने हेतु हरियाणा की सरकार से कोई एमओयू साईन किया जिसको लेकर आभार यात्रायें कर रहे हैं तथा भागीरथ मुख्यमंत्री आये हैं, इस प्रकार के होर्डिंग्स लगाकर भाजपा द्वारा प्रचार किया जा रहा है। यमुना जल समझौता 1994 में किया गया था तथा अपर यमुना जल बोर्ड में पॉंच राज्य आते हैं, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान। इसमें यह फैसला हुआ था कि शेखावाटी को 1917 क्यूसेक पानी मिलेगा।

एक समझौता 2001-2002 में भी हुआ जिसमें हरियाणा से यह तय हुआ कि किस स्थान से पानी मिलेगा। उस समय हरियाणा का दावा 13 हजार क्यूसेक पर था, उसके अतिरिक्त पानी लेने हेतु आधारभूत ढॉंचा तैयार किया जाना था, किन्तु हरियाणा ने उसकी एनओसी राजस्थान को नहीं दी। हरियाणा ने बाद में अपनी डिमाण्ड बढ़ाकर 18 हजार कर ली और अभी जो कथित् समझौता होना बताया जा रहा है उसमें राजस्थान की भाजपा सरकार ने हरियाणा के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया तथा समझौते पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर कह रहे हैं कि 24 हजार क्यूसेक पानी पहले हरियाणा लेगा उसके पश्चात् बरसात के दिनों में 15-20 दिन अगर कोई अतिरिक्त पानी हुआ तो राजस्थान को देंगे, किन्तु उस अतिरिक्त पानी में से भी 25 प्रतिशत पानी पहले हरियाणा लेगा।
उक्त विचार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर पर आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार ने आज तक देश व प्रदेश की जनता अथवा मीडिया के सामने ईआरसीपी के एमओयू की शर्तों वाली प्रति प्रस्तुत नहीं की, ना विधानसभा में, ना जनप्रतिनिधियों को जानकारी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि अब हरियाणा सरकार राजस्थान की भाजपा सरकार ने क्या समझौता किया है, कितने पानी का समझौता किया है, उसका खुलासा भी राजस्थान की भाजपा सरकार ने नहीं किया। जबकि वास्तविकता यह है कि पानी का समझौता तो वर्तमान राजस्थान सरकार को करने का अधिकार ही नहीं है, क्योंकि किसे कितना पानी मिलेगा, यह समझौता पूर्व में हो चुका है, वर्तमान में तो केवल पानी लाने हेतु पाईप लाईन बिछाने का एमओयू ही होना था।
उन्होंने कहा कि केवल आधारभूत ढॉंचे के निर्माण की इजाजत देने के नाम पर हरियाणा सरकार ने 13 हजार से बढ़ाकर 24 हजार क्यूसेक पानी लेने हेतु राजस्थान की भाजपा सरकार से तय कर लिया, जिसमें यह भी तय कर लिया कि 15-20 दिन की बरसात के पश्चात् अतिरिक्त पानी में से 25 प्रतिशत हरियाणा के लेने के बाद कोई पानी बचा तो ही राजस्थान को दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर द्वारा विधानसभा में दिये गये वक्तव्य के अनुसार राजस्थान की भाजपा सरकार ने प्रदेश की जनता के हितों से खिलवाड़ किया है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री केवल भ्रमण करने का कार्य कर रहे हैं तथा आरएसएस के मुख्य एजेण्डे के अनुसरण में प्रदेश की जनता को भ्रमित करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार का समझौता कथित् रूप से किया गया है उसमें राजस्थान को एक लीटर पानी भी मिलना सम्भव दिखाई नहीं दे रहा है, किन्तु राजस्थान के भ्रमणशील मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, राजीविका के कार्यकर्ताओं व सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश देकर खुद का स्वागत करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने प्रदेशवासियों के साथ धोखा किया है।
उन्होंने कहा कि पहले ईआरसीपी के नाम पर धोखा किया गया, जहॉं इस योजना के तहत् 3510 एमसीएम पानी मिलना था, किन्तु 2400 एमसीएम पानी लेने का समझौता राजस्थान की जनता के हितों का सौदा भाजपा सरकार ने किया। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान की भाजपा सरकार ने हरियाणा की सरकार के सामने घुटने टेेक दिये, केवल इसलिये कि पाईप लाईन बिछाना की अनुमति मिलेगी अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा की डबल इंजन की सरकार के प्रदेशवासियों के हितों के साथ कुठाराघात किया है तथा जनता को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार केवल और केवल प्रदेशवासियों को भ्रमित कर आगामी लोकसभा चुनावों में वोटों का फायदा लेना चाहती है जिसमें भाजपा कामयाब नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री महोदय जो भी समझौता ईआरसीपी योजना तथा 17 फरवरी को यमुना के जल हेतु हरियाणा सरकार से किया है उसे सार्वजनिक करें और जनता को सच्चाई से अवगत करवायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश का दुर्भाग्य है कि सत्ताधारी लोग कागज उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं, केवल भाषण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस केवल विरोध करने के लिये विरोध नहीं कर रही है बल्कि राजस्थान के हितों के साथ कुठाराघात ना हो इसलिये अपनी बात उठा रही है ताकि प्रदेश की जनता के समक्ष सच्चाई आ सके। उन्होंने भाजपा की प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि यह भ्रमण करने वाली तथा भ्रमित करने वाली सरकार है, जो झूठ पर झूठ बोलकर असत्य को सत्य साबित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कुम्भाराम लिफ्ट कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर पूरी डीपीआर तैयार कर ली थी और इस पर कार्य भी चालू हो गया था किन्तु आज नीमकाथाना में स्थानीय विधायक श्री सुरेश मोदी के नेतृत्व में स्थानीय जनता धरने पर बैठी है और मांग कर रही है कि जब इस परियोजना के कार्य हेतु सभी प्रकार की सेंशन निकल चुकी है तो कार्य प्रारम्भ क्यों नहीं हो रहा है।
जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री आभार यात्रायें निकालकर स्वागत करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा से गुमनाम समझौता राजस्थान की भाजपा सरकार ने किया और उस आधार पर अभार यात्रायें निकाल रहे हैं जबकि राजस्थान की भाजपा सरकार ने प्रदेशवासियों के हितों के साथ कुठाराघात किया है।
प्रेसवार्ता के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर द्वारा हरियाणा विधानसभा में दिये गये वक्तव्य का वीडियो दिखाया गया, साथ ही 2019 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनसभा के दौरान हरियाणा का पानी चूरू मिल जाने का दावा करने के वक्तव्य का वीडियो भी चलाकर दिखाया गया।
प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुये राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता श्री यशवर्धन सिंह ने कहा कि 1994 में जब केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री पी. वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी तब हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व राजस्थान में यमुना जल बंटवारे का समझौता हुआ था। राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र को ओखला से पानी मिलना था तथा चूरू, झुन्झुन, सीकर को हथनी कुण्ड बैराज से पानी मिलना तय हुआ था और इस समझौते को लागू कराने हेतु अपर यमुना रीवर बोर्ड का गठन हुआ था। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर यमुना के पानी पर मालिकाना हक जता रहे हैं जबकि हरियाणा को मिलने वाला हिस्सा पहले से तय है।
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