
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राज्य में खनिज खोज, खनन व खनिज ब्लॉकों की नीलामी में अन्य प्रदेशों के श्रेष्ठ प्रावधानों व प्रक्रियाओं (बेस्ट प्रेक्टिसेज) को राज्य की परिस्थितियों के अनुसार अध्ययन कर गुणावगुण के आधार पर अपनाने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास प्रदेष में खनिज खोज व खनन गतिविधियों को सरल व पारदर्शी बनाना है।
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल मंगलवार को सचिवालय में वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से औडीसा, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ की अध्ययन रिपोर्टस पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा निदेशक माइंस केबी पण्ड्या सहित दस अधिकारियों के चार दल बनाकर प्रमुख खनि संपदायुक्त प्रदेशों औडीसा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अध्ययन करने भेजा था।

उन्होंने अध्ययन दल प्रभारियों को राजस्थान की व्यवस्थाओं व प्रावधानों की तुलना में संदर्भित प्रदेश की व्यवस्थाओं व प्रक्रियाओं की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने बताया कि आरंभिक तौर पर यह भी पाया गया है कि राजस्थान में अन्य प्रदेशों की तुलना में कई व्यवस्थाएं व प्रावधान बेहतर है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अध्ययन रिपोर्ट का उपयोग राज्य सरकार द्वारा तैयार की जा रही खनिज नीति, नियमों की सरलीकरण और विभागीय पुन:संरचना के प्रस्तावों में भी किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि खनिज खोज कार्य में तेजी लाने और नए खनिज ब्लॉक तैयार कर नीलामी कार्य को गति दी जाएगी।
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