क्रोनिक पेन का ज्यादा शिकार होती हैं महिलाएं, यह है वजह

महिलाओं में क्रोनिक पेन एक ऐसी स्थिति है जो दीर्घकालिक दर्द और असुविधा का कारण बन सकती है। क्रोनिक पेन मतलब शरीर के किसी भी अंग में उठने वाला ऐसा दर्द, जो कभी बहुत तेज हो जाता है, तो कभी हल्का रहता है। ये दर्द चोट, सर्जरी, शरीर में सूजन या फिर किसी एक्सीडेंट की वजह से भी हो सकता है, लेकिन इस दर्द के बढऩे की जो सबसे बड़ी वजह है वो है लंबे समय तक छोटी-मोटी चोट को इग्नोर करते रहना। जो आगे चलकर गंभीर बीमारी में तब्दील सकती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को क्रोनिक पेन होने की संभावना ज्यादा रहती है। महिलाएं पुरुषों की तुलना में 18त्न माइग्रेन से, घुटने के दर्द में 24त्न और पीठ के दर्द में 30त्न ज्यादा परेशान रहती हैं।

क्या है इसकी वजहें?

महिलाओं में क्रोनिक पेन के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिसमें शामिल हैं

हार्मोनल बदलाव : पीरियड्स, गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव क्रोनिक पेन की वजह बन सकते हैं।
आनुवंशिक कारक : महिलाओं में क्रोनिक पेन के लिए आनुवंशिक कारक भी जिम्मेदार माने गए हैं। कुछ आनुवांशिक बदलाव दर्द को समझने और महसूस करने के तरीके को प्रभावित करते हैं। जिसका एहसास पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग होता है।

महिलाओं में क्रोनिक दर्द के प्रकार

पेट दर्द

पेट दर्द
पेट दर्द

कई सारी रिसर्च में ये पता चला है कि पेट दर्द की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है।

माइग्रेन और अन्य सिरदर्द

माइग्रेन के मामले भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा पाए जाते हैं।

फाइब्रोमायल्जिया

यह एक स्थिति है जो मांसपेशियों और सॉफ्ट टिश्यू में दर्द, थकान, और स्थायी दर्द का कारण बनती है। इसका शिकार भी ज्यादातर महिलाएं ही होती हैं।

क्रोनिक पेन से निपटने के उपाय

क्रोनिक पेन का इलाज करने के कई तरीके हैं, जो दर्द को कम करके और जिंदगी को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसमें शामिल हैं। घरेलू कार्यों के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेना, खाना पकाने, सफाई, और अन्य दूसरे कामों के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लें, जिससे शरीर को आराम मिल सके।
रोजाना व्यायाम और स्ट्रेचिंग : घर के कामकाज के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम और स्ट्रेचिंग करना, जो दर्द को कम करने और शरीर को लचीला बनाए रखने में मदद कर सकता है।
मानसिक शांति और आराम : मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें, जो तनाव के साथ पेन को भी कम करने में सहायक हो सकते हैं।
स्वास्थ्य की निगरानी और आत्म-देखभाल : अपने स्वास्थ्य की निगरानी करना और समय-समय पर चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है, खासतौर से अगर दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाए तब। दवाएं अगर डॉक्टर से आपको दर्द व सूजन कम करने के लिए दवाइयां दी हैं, तो नियमित रूप से उसका सेवन करें।
डाइट पर ध्यान : क्रोनिक पेन से उबरने में खानपान पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है। डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर चीज़ों को शामिल करें।

इलाज के ऑप्शन्स

रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन : इस विधि में दर्द देने वाली नसों को गर्मी देकर दर्द कम किया जाता है।
प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा थेरेपी : इस उपचार में खून से निकाले गए प्लेटलेट्स को उस जगह पर लगाया जाता है जहां दर्द हो रहा होता है, जिससे वहां की मरम्मत हो सके।
नर्व ब्लॉक : दर्द वाले जगह पर दवा देकर दर्द के संकेतों को रोका जाता है, जिससे फौरन आराम मिलता है। ये उपचार बहुत कम समय लेते हैं, अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं होती और उसी दिन घर भी आ सकते हैं। सबसे अच्छी बात कि अगले दिन नॉर्मल एक्टिविटीज भी शुरू कर सकते हैं।

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