जीभ पीली है पडऩा सही संकेत नहीं, बचने के लिए ये काम करें

मुंह की सफाई कैसे करें
मुंह की सफाई कैसे करें

मुंंह की साफ-सफाई में जीभ साफ करना भी एक जरूरी स्टेप होता है। लंबे समय तक जीभ की सफाई इग्नोर करते रहने से वो पीली नजर आने लगती है। गंदगी की एक मोटी लेयर जीभ पर जम जाती है। जीभ का नेचुरल कलर गुलाबी होता है। पीली जीभ देखने में तो खराब लगती ही है साथ ही ये कई बीमारियों का भी घर होती है।जहां गुलाबी जीभ आपके स्वस्थ होने का संकेत है, तो वहीं पीली जीभ खराब सेहत का, लेकिन सिर्फ सफाई की कमी को ही पीली जीभ के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता और भी कई वजहों से इसका रंग ऐसा हो सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

जीभ पीली होने की वजहें

पीलिया

पीलिया
पीलिया

पीलिया बीमारी में सिर्फ आंख, नाखूनों का ही रंग नहीं बदलता, बल्कि इसके चलते जीभ भी पीली हो जाती है। इस बीमारी में लीवर में सूजन आ जाती है जिस वजह से वो अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाता, तो जीभ का पीला होना पीलिया के संकते भी हो सकते है। हालांकि ठीक होने के बाद जीभ का रंग वापस से गुलाबी हो जाता है। दवाइयों का सेवनकुछ खास तरह की दवाओं जैसे- एंटीमलेरियल ड्रग, ओरल कांट्रेसेप्टिव और एचआईवी ड्रग्स लेने के चलते भी जीभ का रंग बदल सकता है। गुलाबी की जगह ये पीली नजर आने लगती है।

मुंह सूखना

मुंह सूखना
मुंह सूखना

जो तीसरी वजह जीभ पीली नजर आने की है वो है लार न बनना। जिस वजह से मुंह हर वक्त सूखा रहता है। मुंह के अंदर बैक्टीरिया बढऩे लगते हैं। इनका साइड इफेक्ट होता है जिससे जीभ पर पीले रंग के धब्बे नजर आते हैं। डायबिटीज और कीमोथेरेपी की वजह से मुंह सूखने की समस्या हो सकती है।

फंगल इन्फेक्शन

एक तरह के फंगल इन्फेक्शन के चलते भी जीभ का रंग बदलने लगता है। इसके लिए ओरल थ्रस कैंडिडा ईस्ट जिम्मेदार होते हैं। इसमें जीभ पर व्हाइट और पीले रंग के पैचेज नजर आते हैं। इसे ठीक करने के लिए डॉक्टर एंटीफंगल दवाएं देते हैं।

यह भी पढ़ें : जयपुर से अयोध्या के लिए हवाई सेवा शुरू