
भुनेश्वर। जब तक हम आत्मा की शुद्धि पर ध्यान नहीं देंगे तब तक शरीर की शुद्धि नहीं हो सकती। शरीर व आत्मा दोनों को हमें शुद्ध रखना होगा। भुवनेश्वर में ज्ञान प्रभा मिशन के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि केवल सामाजिक व आर्थिक उत्थान से काम नहीं चलेगा, यह अधूरा होगा। आत्मिक व आध्यात्मिक विकास भी जरूरी है। भारत पूर्व में विश्वगुरु था। उस समय आध्यात्मिक विकास भी था।
उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से हम सुख व शांति से रह पायेंगे। मानसिक शांति का मार्ग है योग। योग कहने पर लोग आमतौर पर शारीरिक क्रिया समझते हैं लेकिन मेरी दृष्टि में योग शरीर व आत्मा का योग है। उन्होंने कहा कि लोगों की भौतिक आशा व आकांक्षाएं बढ़ती जा रही है। हम आध्यात्मिकता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सभी लोगों की सभी आकांक्षाएं पूर्ण होना संभव नहीं है। इसलिए जीवन में संतुष्टि आवश्यक है। यह केवल योग द्वारा ही हो सकता है।
उन्होंने कहा कि ज्ञान प्रभा मिशन मातृशक्ति के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। देश के प्रसिद्ध योगी परमहंस योगानंद जी की माता जी के नाम पर इस संस्थान का स्थापना की गई है। इस तरह के संस्थान के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होकर उन्हें काफी आनंद की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार प्रदान करना आवश्यक है। इसमें परिवार व विशेषकर माताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।