टै्रकिंग होने पर आपको मिलेगा नोटिफिकेशन अलर्ट

आईफोन
आईफोन

अपने यूजर्स की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए दो बड़ी टेक कंपनियां गूगल और एपल एक साथ मिलकर काम कर रही हैं। अल्टाबेट के गूगल और एपल की ओर से हाल ही में यूजर्स को अनवॉन्टेड ट्रैकिंग से बचाने के लिए एक ड्राफ्ट सबमिट किया गया है। सबमिट किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक कंपनियां अब यूजर को ब्लूटुथ के जरिए ट्रैकिंग होने पर नोटिफिकेश अलर्ट भेजेंगी।

इस तरह चोरी हो सकता है डेटा

डेटा
डेटा

आपने शायद ध्यान दिया होगा कि जब आप आईफोन से फोटो खींचते हैं तो मेटाडेटा की वजह से फोटो के साथ आपकी लोकेशन, शहर का नाम और दूसरी जानकारियां उस फोटो के साथ सेव हो जाती हैं. इसके बाद जब आप इन फोटो और वीडियो को किसी के साथ शेयर करते हैं तो ये सारी जानकारी उस तक भी चली जाती है।

मेटाडेटा क्या है

मेटाडेटा एक तरह से वह जानकारी है जिसका उपयोग उस डेटा के बारे में विस्तार से बताने के लिए किया जाता है जो किसी वेबपेज, डॉक्युमेंट्स या फाइल में निहित होते हैं। आईफोन में पिक्चर और वीडियो के मामले में भी यही काम करता है. यानी जब आईफोन में फोटो और वीडियो सेव होते हैं तो मेटाडेटा में लोकेशन, टाइम और कुछ अन्य जानकारियां उसके साथ सेव हो जाती हैं।

गलत तरीके से होगी ट्रैकिंग तो मिलेगा अलर्ट

दरअसल डिवाइस के खोने पर एंड्रॉइड और आईओएस यूजर्स ्रद्बह्म्ञ्जड्डद्दह्य का इस्तेमाल करते हैं। यह सर्विस ब्लूटुथ ट्रैकिंग के जरिए काम करती है। कई बार यूजर को इस बात की जानकारी नहीं होती कि उसके डिवाइस के जरिए उसे और उसकी लोकेशन को ट्रैक किया जा रहा है। ऐसे में अब सारे ब्लूटुथ लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस को अलर्ट भेजने के साथ ही काम करना होगा। यह सुविधा यूजर्स को अनऑथराइज्ड ट्रैंकिंग से बचाने में मदद करेगी।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सबमिट किए गए ड्राफ्ट में कंपनियों ने मैन्युफैक्चर्स, सेफ्टी और एडवोकेसी ग्रुप का फीडबैक भी शेयर किया है। इनमें यूजर के सपोर्ट के लिए सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी को भी शामिल किया गया है।

सुविधा का गलत हो रहा इस्तेमाल

दरअसल बताया जा रहा है कि इस तरह की सुविधा लाने की जरूरत एक खास वजह से पड़ रही है। ्रद्बह्म्ञ्जड्डद्दह्य जैसी सुविधा के लॉन्च होने के बाद प्राइवेसी एक्सपट्र्स और लॉ एनफोर्समेंट ने पाया कि इसका इस्तेमाल गलत तरीके से किया जा रहा है। खास कर यूजर्स को ट्रैक करने के लिए साइबर क्रिमिनल द्वारा सुविधा का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसकी वजह से यह यूजर की सुरक्षा पर एक बड़ा खतरा बन रहा है।

यह भी पढ़ें : मिलिए पंकज और राधिका ओसवाल से, जिन्होंने दुनिया का सबसे महंगा घर खरीदा है