
अच्छी सेहत के लिए नींद पूरी होना बेहद आवश्यक होता है। सोते समय, हमारा दिमाग और शरीर के अन्य अंग रिजूविनेट होते हैं। नींद से जुड़ी समस्याओं और उनके दुष्परिणामों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल वल्र्ड स्लीप डे मनाया जाता है। यह हर साल 15 मार्च को मनाया जाएगा। इसलिए हम आपको अच्छी नींद से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में बताने वाले हैं, ताकि आप बेहतर नींद ले सकें और आपकी सेहत को कोई नुकसान न हो।
मिथक-1 शराब पीने से अच्छी नींद आती है

कई लोग ऐसा मानते हैं कि शराब पीकर सोने से उन्हें अच्छी नींद आएगी, लेकिन यह सच नहीं है। शराब पीने से थोड़ी देर के लिए ऐसा लगता है कि आपको नींद आ रही है, लेकिन इसके कारण आपकी नींद में बाद में खलल पड़ सकता है। एल्कोहल की वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और इस कारण से आपके दिमाग को ठीक तरीके से ब्लड नहीं मिल पाता है। इसके अलावा, शराब डायूरेटिक नेचर का होता है, जिसके कारण आपको रात को बाथरूम जाने के लिए भी उठना पड़ सकता है। इस कारण क्रश्वरू साइकिल में बाधा आ सकती है और आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है।
मिथक-2 खर्राटे लेना कोई चिंता की बात नहीं है

यह बिल्कुल सच नहीं है। खर्राटे लेना किसी स्लीप डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है। इसलिए इसे अनदेखा करना हानिकारक साबित हो सकता है। स्लीपिंग डिसऑर्डर स्लीप एपनिया का सबसे आम लक्षण है, खर्राटे लेना। इसलिए इस समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है। इतना ही नहीं, खर्राटे लेने की वजह से, आपके साथ सोने वाले व्यक्ति को भी परेशानी हो सकती है। नींद पूरी करने में परेशानी होने के कारण वह चिड़चिड़ा हो सकता है और रिश्ते में भी तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। इसलिए इस समस्या को अनदेखा न करें।
मिथक-3 रात को सोन से पहले सोशल मीडिया चलाना या टीवी देखने से रिलैक्स होते हैं
कई लोग ऐसा मानते हैं कि दिनभर की थकान दूर करने के लिए वे सोने से पहले टीवी या फोन चलाएंगे, तो उनका माइंड रिलैक्स होगा। हालांकि, ऐसा नहीं होता। रात को सोने से पहले टीवी देखना या फोन चलाने से आपका दिमाग बेहतर तरीके से मेलाटोनिन रिलीज नहीं कर पाता है। इसकी कमी के कारण नींद न आने की समस्या हो सकती है। इसलिए सोने से पहले टीवी देखना या फोन चलाना आपकी नींद के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
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