पतंजलि भ्रामक विज्ञापन-आपने तीन बार हमारे आदेशों की अनदेखी की, नतीजा भुगतना होगा: सुप्रीम कोर्ट 

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन
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 पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, बिना शर्त माफी का हलफनामा स्वीकार करने से इनकार

नई दिल्ली। पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान बाबा रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए। इससे पहले 2 अप्रैल को हुई सुनवाई में पतंजलि की तरफ से माफीनामा जमा किया गया था।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल (एसजी) ने कहा कि हमने इस मामले में सुझाव दिया था कि बिना शर्त के माफी मांगी जाए। कोर्ट ने स्वामी रामदेव का बिना शर्त माफी का हलफनामा स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया। जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि इन लोगों ने तीन-तीन बार हमारे आदेशों की अनदेखी की है। इन लोगों ने गलती को है इनको नतीजा भुगतना होगा।

यह हलफनामा किसने तैयार किया: जस्टिस अमानुल्लाह

जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं, इसे किसने तैयार किया? मुझे आश्चर्य है. वहीं जस्टिस कोहली ने कहा कि आपको ऐसा हलफनामा नहीं देना चाहिए था। इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमसे चूक हुई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- चूक! बहुत छोटा शब्द है। वैसे भी हम इस पर फैसला करेंगे।

हम अंधे नहीं हैं! हमें सब दिखता है: कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि हम इसको जानबूझ कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना मान रहे हैं। हमारे आदेश के बाद भी? हम इस मामले में इतना उदार नहीं होना चाहते। हम हलफनामा को ठुकरा रहे हैं ये केवल एक कागज का टुकड़ा है। हम अंधे नहीं हैं! हमें सब दिखता है।

कोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी: अदालत का मखौल बनाया जा रहा है

इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि लोगों से गलतियां होती हैं तो फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, फिर गलतियां करने वालों को को भुगतना भी पड़ता है। फिर उन्हें तकलीफ उठानी पड़ती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन तीनों ड्रग्स लाईसेंसिंग अधिकारियों को अभी सस्पेंड कीजिए। ये लोग आपकी नाक के नीचे दबदबा बनाते हैं, आप इसे स्वीकार करते हैं?

आयुर्वेद दवाओं का कारोबार करने वाली उनसे भी पुरानी कंपनियां हैं। अदालत का मखौल बनाया जा रहा है। इनका कहना है कि विज्ञापन का उद्देश्य लोगों को आयुर्वेदिक दवाओं से जोड़े रखना है, मानो वे दुनिया में आयुर्वेदिक दवाएं लाने वाले पहले व्यक्ति हैं।

ड्रग्स विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर को कड़ी फटकार: आपने बहुत नौकरी कर ली, अब घर बैठिए

कोर्ट ने कहा कि हमें रिपोर्ट दें जिसमें 3 नोटिस दिए गए थे उसके बाद क्या करवाई हुई है? ड्रग्स विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर मिथिलेश कुमार को डांटते हुए कोर्ट ने कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए। आपने किस आधार पर कहा कि दोषियों को चेतावनी दी जाएगी?

आपने इस मामले में किस लीगल डिपार्टमेंट या एजेंसी से सलाह ली? क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई हो! क्यों ना माना जाए कि इसमें आपकी मिलीभगत भी थी। आपने बिना एक्ट में देखे वार्निंग की बात लिखी, एक्ट में कहां बस की बात है? लोग मर जाएं आप वार्निंग देते रहें7 आपने बहुत नौकरी कर ली। अब घर बैठिए। आपको बुद्धि नहीं आई है।

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