लोक कलाओं के संरक्षण एवं विकास के लिए बने प्रभावी वातावरण : राज्यपाल

गोवा के विष्णु खेड़ेकर एवं कांता गावड़े को डॉ. कोमल कोठारी लाइफ टाइम अचीवमेन्ट पुरस्कार

राज्यपाल कलराज मिश्र ने लोक कलाओं के संरक्षण एवं विकास के लिए समाज में प्रभावी वातावरण निर्माण किये जाने का आह्वान किया है। उन्होंने पारम्परिक कलाओं के प्रलेखन के साथ कलाकारों की प्रस्तुतियों के लिए अधिकाधिक अवसर दिये जाने पर भी जोर दिया है।

राज्यपाल मिश्र गुरूवार को यहां राजभवन में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के डॉ. कोमल कोठारी लाइफ टाइम अचीवमेन्ट लोक कला पुरस्कार समारोह में संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल मिश्र ने इस अवसर पर गोवा के प्रख्यात लोक कलाविद् विनायक विष्णु खेड़ेकर एवं गोवा के ही लोक संगीतकार एवं नर्तक कांता काशीनाथ गावड़े को वर्ष-2020 के लिए यह पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने दोनों लोक संस्कृति कर्मियों को प्रशस्ति पत्र, शॉल एवं तुलसी का पौधा भी भेंट किया।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि कलाकार के लिए कला की साधना ही ईश्वर प्राप्ति के समान होती है। लोक कलाकारों पर ही लोक कला और संस्कृति के संरक्षण तथा उसका उजास जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि लोक कलाकारों के कार्य एवं योगदान से नई पीढ़ी को लोक कलाओं से जुडऩे तथा इन्हें सीखने की प्रेरणा मिलती है।

पद्मश्री से सम्मानित गोवा के रेवन्दर निवासी खेड़ेकर ने गोवा की प्रामाणिक कला और जनजाति कला शैलियों के संरक्षण, लोक वाद्य, लोक नृत्य, रीति रिवाजों एवं परम्पराओं पर गहन शोध एवं प्रलेखन किया है तथा उनकी 13 शोध आधारित पुस्तकें प्रकाशित हुई है।

गोवा के मार्दोल निवासी कांता काशीनाथ गावड़े ने गावड़ा जनजाति के जागर लोकनाट्य की परम्परा के संरक्षण एवं प्रसार के लिए नाटक एवं फिल्मों के माध्यम से नये प्रयोग किए हैं। गावड़े ने गोवा की सुंवारी शैली पर आधारित संगीतमयी प्रस्तुति ”बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का निर्माण भी किया है।

यह भी पढ़ें-राजस्थान में दूसरे राज्यों से आने वालों के लिए आज से कोरोना की RT-PCR की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य