स्लीप पैटर्न नहीं सुधरा तो बढ़ सकती है समस्या, शरीर के ये संकेत बताते हैं नींद पूरी नहीं हो रही

खराब स्लीप पैटर्न
खराब स्लीप पैटर्न

दिनभर की थकान के बाद हर कोई रात को सुकून की नींद चाहता है। कई लोगों का सबसे पसंदीदा काम सोना होता है। सेहतमंद रहने के लिए भी अच्छी और पूरी नींद जरूरी है। जिस तरह हमारे खानपान का हमारी सेहत पर असर पड़ता है, ठीक उसी तरह हमारी नींद भी हमारी सेहत को प्रभावित करती हैं। ऐसे में नींद के महत्व और नींद संबंधी विकारों की रोकथाम और प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से हर साल मार्च के तीसरे शुक्रवार को वल्र्ड स्लीप डे मनाया जाता है।

अक्सर कामकाज और अन्य परेशानियों के चलते लोग अपनी नींद को नजरअंदाज करने लगते हैं, जिसका असर हमारी सेहत पर नजर आता है। ऐसे में जरूरी है कि इस बात का ख्याल रखा जाए कि आप पर्याप्त नींद ले रहे हैं या नहीं। अधूरी नींद अक्सर हमारे शरीर में कई संकेत देती है, जिनकी पहचान करना जरूरी है ताकि समय रहते अपनी स्लीप साइकिल में सुधार किया जा सकते हैं।

दिनभर थकान और नींद आना

थकान
थकान

अगर सोने के बाद भी आपको पूरे दिन थकान महसूस होती है, तो यह एक क्लासिक संकेत है कि आपकी नींद पूरी नहीं हो रही है।

फोकस करने में मुश्किल

नींद की कमी आपके फोकस को खराब कर सकती है, जिससे ध्यान केंद्रित करना, सीखना और चीजें याद रखना कठिन हो जाता है।

मूड में बदलाव

मूड में बदलाव
मूड में बदलाव

अगर आप पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं, तो इससे आप चिड़चिड़े, मूडी और तनाव, एंग्जायटी या यहां तक कि डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते हैं।

शारीरिक समस्याएं

नींद की कमी होने पर सिरदर्द, कमजोर इम्युनिटी, ज्यादा भूख लगना और वजन बढऩे जैसे शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।

त्वचा संबंधी समस्याएं

अगर आपको डार्क सर्कल्स, फाइन लाइन्स जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो रही हैं, तो यह संकेत है कि आप पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं।

कितनी नींद है जरूरी?

अलग-अलग व्यक्तियों के लिए नींद की जरूरत भी भिन्न होती है। उम्र के मुताबिक नींद की आवश्यकता अलग-अलग होती है। हालांकि, ज्यादातर वयस्कों को रोजाना 7-8 घंटे की क्वालिटी नींद की जरूरत होती है। वहीं, बच्चों और किशोरों को और ज्यादा की आवश्यकता है। अच्छी और पूरी नींद के लिए अपनाएं ये टिप्स-

अच्छी नींद के लिए अपने सोने और उठने का शेड्यूल तय करें और इसे सभी दिन एक जैसा ही रखें। सोने से पहले पढऩे या गर्म पानी से स्नान करने जैसी शांत करने वाली गतिविधियों को करें। ध्यान रखें कि आपका बेडरूम सोने के लिए अनुकूल हो। कमरे में अंधेरा, शांत, ठंडा माहौल हो। सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे निकलने वाली ब्लू लाइट स्लीप पैटर्न को बाधित कर सकती है। रात में सुकून की नींद के लिए दिन में एक्सरसाइज आदि जरूर करें और सोने से पहले हैवी एक्टिविटी से बचें।

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