
लिंचिंग की वजह धार्मिक नहीं, अफवाह के चलते हुई हत्या
नई दिल्ली। 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की भीड़ द्वारा हत्या के मामले में सीआईडी ने 11 हजार पेज की दो चार्जशीट दाखिल कर दीं। इनमें कहा गया- मॉब लिंचिंग की वजह धार्मिक नहीं थी। बच्चा चोरी की अफवाह के चलते यह घटना हुई।
सुनियोजित साजिश से इनकार किया गया है। बुधवार को दहाणु कोर्ट मेंं 128 आरोपियों के खिलाफ यह चार्जशीट दाखिल की गईं। पालघर में 16 अप्रैल को जूना अखाड़े के महाराज कल्पवृक्ष गिरि (70), उनके सहायक सुशील गिरि महाराज (35) और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े (30) की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। 128 में से दो आरोपी नाबालिग हैं।
लॉकडाउन से बचने के लिए साधुओं ने चुना था गांव का रास्ता
चार्जशीट में कहा गया है कि लॉकडाउन की वजह से सूरत जा रहे साधुओं ने मेन रोड की जगह ढाबाड़ी-खानवेल रास्ता चुना था। गडचिंचाले गांव से निकलते वक्त लोगों को इनके पहनावे पर संदेह हुआ। अफवाह पर पूरा गांव वहां पहुंच गया। करीब 500 लोगों ने हमला किया।
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फॉरेंसिक और कॉल डिटेल को बनाया गया चार्जशीट का आधार
सीआईडी जांच टीम के हेड एडिश्नल डायरेक्टर जनरल अतुलचंद्र कुलकर्णी ने बताया- जांच जारी है। जैसे ही और लोगों की गिरफ्तारी होगी और सबूत मिलेंगे। सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करेंगे। जो चार्जशीट दायर की गई है, उसे फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स और तकनीकी सबूतों को शामिल कियाा गया है। इसमें कॉल डाटा रिकॉर्ड्स, मोबाइल से एक-दूसरे को साधुओं के बच्चा चोर होने के मैसेज भेजने की डिटेल भी है।
हत्या के मामले में 800 लोगों से हुई पूछताछ
जांच के दौरान सीआईडी ने 800 संदिग्ध लोगों से पूछताछ की। 100 से ज्यादा लोगों को चश्मदीद गवाह बनाया गया। दो चार्जशीट में एक 5 हजार पन्नों की है। दूसरी चार्जशीट में कुल 6000 पेज हैं। नाबालिग आरोपियों के खिलाफ केस जुवेनाइल कोर्ट में चलेगा।