
डूंगरपुर। गलियाकोट स्थित विश्व प्रसिद्ध पीर फखरुद्दीन की दरगाह के सालाना उर्स का समापन शनिवार को हुआ। हर बार उर्स के समापन पर शाही भोज का आयोजन भी होता था। इस बार कोरोना गाइडलाइन की पाबंदियां के चलते शाही भोज का आयोजन भी निरस्त किया गया। इस बार केवल देश से जायरीन गलियाकोट पहुंच कर विश्व प्रसिद्ध पीर फखरुद्दीन की दरगाह में बारी बारी से कतार में लग कर जियारत की।
देश के मुंबई, अहमदाबाद, उदयपुर, दिल्ली ,सूरत, बांसवाड़ा, मध्यप्रदेश सहित के करीब 6000 हजार जायरीनों दो दिन में जियारत का लाभ लिया। हर वर्ष जब करीब 70000 हजार जायरीन पीर फखरुद्दीन की दरगाह में जियारत का लाभ लेते थे। पर, इस बार कोरोना के चलते लगभग दस प्रतिशत जायरीन ही आए। ऐसे में पूरे क्षेत्र में भीड़ कही भी नजर नहीं आई। इस अवसर पर अल इन्कीयाब भाई ,शेख मुस्तफा भाई रामपुर वाला,शेख हुसैन भाई बद्री, शेख मुस्तफा उज्जैनी, मुल्ला बुरहानुद्दीन राज, वार्ड पंच खोजेमा घाकड़ आदि मौजूद थे।
दरगाह कमेटी के मैनेजर शेख मुस्तफा रामपुरवाला ने बताया कि लॉजिंग, बॉर्डिंग को पूर्ण बंद कर दिया था। वहीं इस बार केवल भारत देश से ही बोहरा समाज के लोग जियारत कर दर्शन करने आए। कोरोना को देखते हुए विदेश से जायरीनों के आने पर मनाही रखी थी। एहतियात के किए थे पूरे प्रबंध- इस बार देश के किसी भी कोने से यहां आने वाले बोहरा समुदाय के लोगों के लिए आँनलाइन पोर्टल ई-जमात पर आवेदन करना था।
आवेदन में उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और हॉट स्पोट एरिया की संतुष्टि मिलने के बाद परमिशन दी गई। वहीं,बोहरा समुदाय की व्यक्ति को यहां पर रुकने, खाने और ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं थी। यहीं नहीं जायरीन के मोबाइल में आरोग्य सेतू एप, तीन लेयर वाला मास्क और कोविड-19 जांच की नेगेटिव रिपोर्ट भी जरूरी थी। हर जायरिन को पहले सैनिटाइजर टनल में गुजारा। इसके बाद फॉगिंग टनल में प्रवेश कराया। इतना सब करने के बाद दो गज की दूरी बनाते हुए दरगाह में प्रवेश कराया।
मुख्य दरगाह के अंदर एक वक्त में सिर्फ दो व्यक्ति प्रवेश दिया और इनको भी अधिकतम समय 15 से 30 सैकंड का दिया। पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने भी जिय़ारत की। दरगाह मैनेजरशेख मुस्तफा भाई, जाफर भाई, खोजेमा भाई, पूर्व सरपंच कुरिचन्द यादव, कांग्रेस महामंत्री एडवोकेट कपिल भट्ट, लालशंकर पाटीदार चितरी उप सरपंच रोहित पाटीदार, राजेन्द्र पाटीदार भी उपस्थित रहे।
दरगाह से पहले पार्किंग में ही तैयार थे मार्गदर्शक
व्यवस्था विश्व प्रसिद्ध पीर फखरुद्दीन की दरगाह में राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात ओर सिर्फ भारत से बोहरा समुदाय के लोग जियारत करने पहुंचे। अन्य राज्य से आने वाले लोगो के लिए दरगाह से पहले पार्किंग स्थल बनाया था। जहां पर वाहन पार्क होने के बाद दरगाह का मार्गदर्शक उन्हें अपने साथ स्वागत कक्ष लेकर आए।
यह भी पढ़ें-पर्यूषण से संतों की सीख, कम व पौष्टिक भोजन से बनाएं सेहत