रिनोवेशन के नाम पर पानी में बहाए जा रहे 91.40 करोड़

बूंदी। पुरातत्व और संग्रहालय विभाग जयपुर द्वारा शहर की विरासत सुखमहल संग्रहालय और 84 खंभों की छतरी पर रिनोवेशन के कार्य करवाए जा रहे हैं। सुखमहल संग्रहालय में 90 लाख और 84 खंभों की छतरी में 48 लाख रुपए से रिनोवेशन का काम कराया जा रहा है। सुखमहल में कार्यकारी एजेंसी ने घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया है, जिससे खूबसूरती बढऩा तो दूर यह स्थल बेहूदा बन गया है।

यहां पर ठेकेदार ने रिजेक्ट पत्थर ही लगा दिए। 84 खंभों की छतरी में रिनोवेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है। छतरी पर जो काम होने चाहिए थे, वो तो हुए नहीं और ठेकेदार ने यहां भी घटिया सामग्री से टिकट विंडो और लेट-बाथ बना दिए, जिनके ऊपर चूने की छत भी नहीं डाली गई, जिससे बरसात में पानी टपकने की पूरी संभावना है। 84 खंभों की छतरी और शिवलिंग के चबूतरे के चारों ओर दीमक लग गई है।

जो रोजाना छतरी के चारों तरफ से मिट्टी निकाल रही है, जिससे छतरी अंदर ही अंदर से खोखली होती जा रही है। ठेकेदार से कई बार कर्मचारियों ने कहा कि छतरी के चारों ओर भी मजबूती दी जाए, लेकिन ठेकेदार ने अनसुनी कर दी और कह दिया ये मेरे कार्य में शामिल नहीं है। जब छतरी ही जर्जर हो जाएगी तो ये रिनोवेशन किस काम का रहेगा। इसी तरह सुखमहल संग्रहालय भी इसी ठेकेदार ने बनाया था जो 5 साल में ही जर्जर हो गया। संग्रहालय में अंदर और बाहर वापस प्लास्तर करना पड़ा है। ठेकेदार की मनमानी और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते 1.40 करोड़ रुपए पानी में बहाए जा रहे हैं, इन पर किसी का ध्यान नहीं है।

यह भी पढ़ें-बिरसा मुंडा की जयंती पर बाइक रैली निकाली