दैनिक जलतेदीप के प्रयासों को मिला मुख्यमंत्री गहलोत का साथ, आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति प्रयासों को सराहा

dainik jaltedeep
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जयपुर। कोविड-19 महामारी से जहां पूरा विश्व जूझ रहा है वहीं भारत ने अपनी परंपारिक और प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के दम पर इस बीमारी से मुकाबला करने में बड़ी सफलता हासिल की है। आयुर्वेदिक काढ़ा लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो रहा है। मेडिकल साइंस ने भी इस बात को माना है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से इम्यूनिटी को मजबूत किया जा सकता है जो इस कोरोना से मुकाबले में काफी मददगर साबित होगी।

दैनिक जलतेदीप समाचार पत्र भी लगातार आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को प्रमोट कर रहा हे

कोविड-19 का आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज के लिए दवा और वैक्सीन बनाने के लिए क्लिनिकल ट्रायल पर काम चल रहा है, जिसमें जल्द सफलता मिलने की पूरी उम्मीद है। इसी कड़ी में दैनिक जलतेदीप समाचार पत्र भी लगातार आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को प्रमोट कर रहा हे। दैनिक जलतेदीप के आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के इस अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने भाषण में भी जगह दे चुके हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार आयुष मंत्रालय को इस संबंध कई दिशा निर्देश दे चुके हैं और मंत्रालय ने आयुर्वेदिक काढ़ा और औषधि भी वितरण कर रहा है। दैनिक जलतेदीप को इस अभियान अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ मिला है।

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पत्रकारों के साथ सवांद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दैनिक जलतेदीप प्रबंध संपादक दीपक मेहता ने मुख्मंत्री अशोक गहलोत का ध्यान आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज को लेकर आकर्षित करवाते हुए कहा कि आयुर्वेदिक दवा को लेकर आपकी क्या पॉलिसी है इस पर अशोक गहलोत ने कहा कि जलतेदीप को इसमें काफी योगदान है साथ ही उन्होंने आर्युेवेदिक काढ़ा वितरण को लेकर कहा कि इसके लिए पूरी तरह छूट है इसको ज्यादा से ज्यादा वितरण किया जा सकता है। ज्ञात रहे कि दैनिक जलतेदीप के लगातार आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ाने के प्रयास को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले भी सराह चुके हैं।

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दैनिक जलते दीप के प्रधान संपादक पदम मेहता द्वारा दूरभाष पर मुख्यमंत्री गहलोत को केरल सरकार द्वारा आयुर्वेद के उपयोग बाबत विस्तृत जानकारी, वहां कोरोना मरीजों की 48त्न रिकवरी व इसके फैलाव पर अंकुश में आयुर्वेद के योगदान के साथ गत एक माह में जलते दीप द्वारा कोविड-19 प्रकोप के दौरान लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिये आयुर्वेद से लाभ उठाने बाबत आयुर्वेद विवि कुलपति, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान निदेशक व अन्य विशेषज्ञों के साक्षात्कार, आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी, प्रधानमंत्री द्वारा आयुष चिकित्सकों से वीसी व टास्क फोर्स बनाने आदिका ब्यौरा देकर राजस्थान में आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा पद्दति व पारम्परिक ज्ञान का हवाला देते हुये, केरल की भांति तत्काल कदम उठाने की मांग कर चुके हैं।

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उल्लेखनीय है कि देश में कोराना का सबसे पहला मामला केरल में आया। किसी समय महाराष्ट्र के बाद सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव केस वाले केरल ने सुरक्षात्मक उपायों के साथ साथ व्यापक स्तर पर आयुर्वेद का सहारा लेकर न केवल कोरोना को अपने प्रदेश में नियंत्रित किया अपितु कल तक कुल 375 कोरोना पॉजिटिव में से 179 को स्वस्थ्य कर देश में सर्वाधिक 48 प्रतिशत रिकवरी प्राप्त की।