107 विधायकों ने जताया सीएम गहलोत पर भरोसा, पायलट को मनाने की कवायद जारी

ashok gehlot and sachin pilot
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राजस्थान में जारी कांग्रेस की अंदरुनी सियासी उठापटक के बीच बागी हुए उपमुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ सचिन पायलट को मनाने के लिए आलाकमान ने उन्हें मनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। उन्हें जयपुर में विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए मनाया जा रहा है। हालांकि, आलाकमान उनकी हर बात सुनने को भी तैयार है। आलाकमान और केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि सचिन पायलट का जिद पर अडऩा सही नहीं है जब पार्टी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए है।

सचिन पायलट के समर्थन में जो भी विधायक हैं वह सरकार के खिलाफ जाने को तैयार नहीं हैं

वहीं अंदरखाने से खबर आ रही है कि सचिन पायलट के समर्थन में जो भी विधायक हैं वह सरकार के खिलाफ जाने को तैयार नहीं हैं ओर ना ही वह इस्तीफा देना चाहते हैं ऐसे में पायलट के लिए भी ज्यादा विकल्प नहीं बचा है लेकिन अगर वह बीजेपी में जाते हैं तो कांग्रेस के लिए मुश्किल बात हो सकती है।

राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट की नाराजगी से शुरू हुई उठा-पटक आखिरकार सोमवार को थमती नजर आई। मुख्यमंत्री आवास में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार का 107 विधायकों ने समर्थन किया। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद सभी ने आपसी सहमति से प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी पर भरोसा जताते हुए सीएम गहलोत की सरकार को समर्थन दिया गया। विधायक दल की बैठक में पारित प्रस्ताव में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के ऊपर चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने करने का आरोप लगाते हुए उसकी निंदा की गई। प्रस्ताव में कहा कि कांग्रेस विधायक दल षड्यंत्रकारी मंसूबों की घोर निंदा करता है। बीजेपी लोकतंत्र का चीरहरण कर रही है। यह राजस्थान की 8 करोड़ जनता की बेइज्जती है।

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गहलोत खेमे को झटका, बीटीपी ने दोनों विधायकों को फ्लोर टेस्ट से दूर रहने को कहा
राजस्थान में सियासी संकट जारी है। और घटनाक्रम पल-पल में बदल रहा है. न बर गेम में उलझे गहलोत खेमे को अब भारतीय ट्राइबलपार्टी ने भी झटका दे दिया है। पार्टी ने व्हिप जारी कर अपने दोनों विधायकों को निर्देश दिया है कि लोर टेस्ट की स्थिति में वे हिस्सा नहीं लेंगे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेशभाई सी. वसावा ने साफ कहा है कि पार्टी के विधायक ना तो कांग्रेस और ना ही भाजपा के लिए वोट करेंगे. साथ ही ना तो अशोक गहलोत और ना ही सचिन पायलट को वोट देने के निर्देश दिये गये हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दोनों विधायकों को ये भी चेतावनी दी है कि अगर पार्टी के व्हिप की अनदेखी की गई, तो उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी

विधानसभा में बहुमत साबित करें गहलोत, सचिन पायलट ने दी चुनौती- सूत्र
राजस्थान का सियासी संग्राम अभी थमा नहीं है। अशोक गहलोत के जरूरी विधायकों को जुटा लेने के दावों के बाद अब सचिन पायलट ने बहुमत को लेकर सवाल उठा दिया है। पायलट के सूत्रों के हवाले से किए गए एक दावे में कहा गया है कि राजस्थान के डिप्टी सीएम के मुताबिक, गहलोत सरकार के पास विधानसभा में जरूरी बहुमत नहीं हैं. पायलट ने गहलोत को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनके पास जरूरी विधायकों की सं या है, तो विधानसभा में बहुमत साबित कर दिखाएं. यही नहीं, पायलट ने राज्यपाल के सामने भी विधायकों की परेड कराने की चुनौती दी है