घर में आइना लगाने से पहले पढ़ें वास्तु शास्त्र के अनुसार कहा लगाना चाहिए आइना?

घर में आइना लगाने से पहले सही दिशा का चुनाव करना बेहद जरूरी है। हमारी जिंदगी में आईना सजने-संवरने के लिए होता है। वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर में किस दिशा में, किस आकार में रखा ये जरूरी माना जाता है।

वास्तु के मुताबिक गोल की जगह आप अष्टकोनीय, यानी आठ कोनो वाल आईना लगा सकते हैं। नुकीले आकार का आईना लगाने से घर में नकारात्मकता आती है और परेशानी बनी रहती है।

घर की उत्तर-पूर्व दिशा में आईना लगाने का चुनाव करना चाहिए। इस दिशा में आईना लगाने से परेशानियां धीरे धीरे अपने आप दूर होती चली जाती है।

वास्तु के मुताबिक बेडरूम में कभी आइना नहीं लगाना चाहिए। इससे कहा जाता है कि पति-पत्नी के बीच आपसी संबध खराब हो जाते हैं। अगर आपको सोते वक्त शीशा दिखें तो उसमें कोई कपड़ा डाल दें।

भोजनकक्ष की दीवार पर लगे बड़े-बड़े आइने ऊर्जा के अद्बुत स्त्रोत होते हैं। इसे बहुत शुभ माना जाता है। यदि भोजनकक्ष में ठीक डाइनिंग टेबल के सामने वड़ा सा आईना लगा हो तो उसमें खाने के दौरान देखने पर खाने के दोगुने होने का आभास होता है।

कहा जाता है कि इससे भूख जिन्हे लगती है साथ ही घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है साथ खुशी का संचार बढ़ता है. इसके अलावा यदि आपका किचन पश्चिम मुखी है तो आप पीछे की तरफ, यानी पूर्व दिशा की दीवार पर एक गोल शीशा लगाएं।

इससे आपके किचन में जो भी वास्तु दोष होता है जो लोग दूर हो जायेगा। यदि आपके घर के बाहर कोई बिजली का खंबा, ऊंची इमारत, अवांधित पेड़ और फिर धरती पर नुकीले उभार हैं तो आप घर मुख्य दरवाजे पर उनकी तरफ पाक्वा मिरर लगाकर निदान कर सकते हैं।

इसके अलावा शादी में आ रही दिक्कतें कुण्डली में ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं होने पर शादी में बाधा आती है और शादी की बात तय होकर भी टूट जाती है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक विवाह योग्य लड़के-लड़कियों को कभी भी दक्षिण या फिर दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से विवाह के रिश्ते अच्छे नहीं आते हैं और कोई ना कोई रुकावट आती रहती है। सोते वक्त पैर हमेशा उत्तर की तरह होना चाहिए। इस तरह आपकी ये समस्या का अंत होगा।