भारत, इंडोनेशिया और बांग्लादेश के विशेषज्ञों के बीच सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श

जयपुर। वर्तमान वैश्विक महामारी के दौर में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत बनाने और आम लोगों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जयपुर में आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में एसडी गुप्ता स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार में भारत, इंडोनेशिया और बांग्लादेश के विशेषज्ञों के बीच सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। वेबिनार का विषय था- “पिपल, पैन्डेमिक एंड पब्लिक हैल्थ-रिफलैक्षन्स् फाॅर स्ट्रैन्थिनिंग हैल्थ सिस्टम”।

इस वेबिनार में जिन विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श किया, उनमें प्रमुख हैं- डॉ. चंद्रकांत लहारिया, नेशनल प्रोफेशनल ऑफिसर, डब्ल्यूएचओ और ‘टिल वी विनः इंडियाज फाइट अगेंस्ट कोविड-19 पेंडेमिक’ के लेखक, डॉ. योदी महेंद्रधाता, वाइस डीन फाॅर रिसर्च एंड डेवलपमेंट, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन, पब्लिक हेल्थ एंड नर्सिंग, गदजाह माडा यूनिवर्सिटी, इंडोनेशिया, डाॅ. मालविका सरकार, डायरेक्टर ऑफ़ रिसर्च एंड लीड सेंटर आॅफ एक्सीलैंस फाॅर साइंस आॅफ इंप्लीमेंटेशन एंड स्केल-अप, बांग्लादेश रूरल एडवांसमेंट कमेटी (बीआरएसी), जेम्स पी ग्रांट स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, ढाका, बांग्लादेश और पद्मश्री डॉ. चंद्रकांत एस. पांडव, पूर्व प्रोफेसर और हैड, सेंटर फाॅर कम्युनिटी मेडिसिन, आॅल इंडिया इंस्टीट्यूट आॅॅफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली। डॉ. डी.के. मंगल, डीन रिसर्च, आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने सत्र का संचालन किया।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ. पी आर सोडानी ने इस अवसर पर कहा, ‘‘सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जोर देते हुए आम लोगों की बेहतरी और उनके अच्छे स्वास्थ्य पर फोकस करने के बाद ही हम एक स्वस्थ और बेहतर भविष्य की कल्पना कर सकते हैं। आज जरूरत इस बात की है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के उचित परिणाम हासिल करने के लिए उचित दृष्टिकोण को अपनाते हुए सुझावों के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाएं। इस वेबिनार ने भविष्य में आने वाले संकट के लिए तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया और साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में चुनौतियों और उनके समाधानों पर भी जोर दिया और इस विषय पर भी चर्चा की कि भविष्य के पुनरुत्थान के लिए बड़ी आबादी को कैसे स्वस्थ बनाया जा सकता है। निश्चित तौर पर कोविड-19 ने हमें यह सीखने का मौका दिया है कि चुनौतियों को अवसरों में कैसे बदला जाए।