रिश्वत के बदले अस्मत मांगने वाले एसीपी कैलाश बोहरा को राज्य सरकार ने पुलिस सेवा से बर्खास्त किया

रिश्वत के बदले अस्मत मांगने वाले एसीपी कैलाश बोहरा को राज्य सरकार ने पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया है। सोमवार को संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि कैलाश बोहरा का प्रकरण रेयरेस्ट रेयर मामला है। बोहरा को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब किसी भी वक्त बर्खास्तगी के आदेश निकल सकते हैं।

धारीवाल ने बताया कि किसी को बर्खास्त करने से पहले प्रक्रिया अपनानी होती है। पहले उसे नोटिस दिया जाता है, लेकिन संविधान का अनुच्छेद-311 कहता है कि अगर कोई गंभीर मामला है तो उस प्रक्रिया को परे रखकर सीधे बर्खास्त किया जा सकता है।

इससे पहले मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह विभाग के संयुक्त शासन सचिव रामनिवास मेहता ने सोमवार सुबह ऑफिस खुलने के पहले ही निलंबन आदेश जारी किए थे। राजस्थान में पहली बार 24 घंटे में दागी अफसर को सेवा से बर्खास्त करने का फैसला किया गया है।

कैलाश बोहरा को रविवार दोपहर बाद एसीबी ने रिश्वत के बदले अस्मत मांगते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। आमतौर पर एसीबी ट्रैप हुए अफसरों को सस्पेंड करने के आदेश निकालने में ही सरकार चार से पांच दिन का वक्त लगा देती है। कैलाश बोहरा के पास महिला अत्याचार निवारण यूनिट की प्रभारी की जिम्मेदारी थी। प्रभारी ही पीड़िता से जांच करने के बदले अस्मत मांग रहा था।

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