नो रिफ्लेक्टर, नो व्हीकल : मुख्य सचिव

प्रदेश में सड़क सुरक्षा के लिए मुख्य सचिव की बैठक

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि सड़क सुरक्षा कोई फाइल वर्क नहीं है, जिसे एक जगह से दूसरी जगह कर दिया जाये। यह इंसान की जिंदगी का सवाल है। हम मिलकर एक आदमी की भी जिंदगी बचा ले तो, यह सबसे बड़ा कार्य साबित होगा। परिवहन और अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी सड़क सुरक्षा के लिए प्रशासन, सरकार और नियमों के अलावा भी अपनी जिम्मेदारी निभायें।

मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में परिवहन विभाग के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बैठक हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि नो मास्क, नो एंट्री की तरह ही नो रिफ्लेक्टर, नो व्हीकल नारे को थीम बनाकर सड़क सुरक्षा की दिशा में आगे बड़े। प्रदेश भर में थीम को प्रचारित किया जाये।

उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर जिला यातायात प्रबंधन समिति की बैठकों में सामने आये बिंदुओं और जनप्रतिनिधियों के सुझावों की अनुपालना सुनिश्चित कराये। अब तकनीकी इतनी मजबूत हो गई है कि मिलकर अच्छा काम कर सकते है। साथ ही जो जगह ब्लैक स्पॉट है और बन रहे है, वहां पर परिवहन और पुलिस विभाग मिलकर कार्यवाही करें।

आर्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हाईवे पर पशुओं की आवाजाही रोकने के लिए मनरेगा के जरिये फेंसिंग करायी जा सकती है। प्रदेश के बॉर्डर चैकपोस्ट और उसके आसपास के क्षेत्र पर वाहनों की आावाजाही सुगमता से की जाये, इसके लिए डीटीओ और एसएचओ मिलकर कार्य करें।

इस अवसर पर परिवहन आयुक्त रवि जैन ने विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा के प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सभी संबंधित अधिकारी नो रिफ्लेक्टर , नो व्हीकल अभियान के तहत जिलों में हुए कार्यों की सूची मय फोटोग्राफ विभाग को भिजवाये।

उन्होंने कहा कि सभी जिलों को रिफ्लेटर के लिए सड़क सुरक्षा फंड से पर्याप्त बजट उपलब्ध करा दिया जायेगा। इससे अच्छी क्वालिटी के रिफ्लेटर लगाना भी सुनिश्चित किया जाये।

जैन ने वीसी में इंटीगेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस, तमिलनाडू मॉडल के अनुसार किये जा रहे कार्यों, जिला यातायात प्रबंधन समिति, तोषण निधि योजना, बाल वाहिनियों की जांच और बच्चों की सुरक्षा, संसद सदस्य सड़क सुरक्षा समिति, दुर्घटना संभावित क्षेत्र, राजस्थान सड़क सुरक्षा रोडमैप आदि बिंदुओं पर भी जिलों की वर्तमान स्थिति बताते हुए अधिकारियों को सुधार लाने के लिए कहा।