म्यांमार भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा, घंटों लाइन में खड़े होने के बाद निकलते हैं एटीएम से पैसे

छह माह पहले फौज द्वारा सत्ता हथियाने के बाद म्यांमार (बर्मा) भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। वहां नगद पैसे की कमी है। कैश निकालने के लिए एटीएम पर तड़के साढ़े तीन बजे से लाइन लगती है। दोपहर होने पर भी कई लोग अपने बैंक अकाउंट से पैसा निकालने के इंतजार में खड़े रहते हैं। बैंकों में लोगों की भीड़ कम करने के लिए चुनिंदा एटीएम में रोज करेंसी नोट भरे जाते हैं। एक व्यक्ति नौ हजार रुपए से अधिक नहीं निकाल सकता है।

आर्थिक संकट का असर हर तरफ दिखाई पड़ता है। कैश की कमी के कारण लोग अधिक पैसा नहीं निकाल सकते हैं। खरीदारी कम हो रही है। व्यवसायी भी अपने कामगारों या कर्जदाताओं को भुगतान नहीं कर पाते हैं। म्यांमार की मुद्रा क्याट का मूल्य डॉलर के मुकाबले 20 प्रतिशत गिर गया है। देश में 100 से कम एटीएम में कैश रहता है। करेंसी की जमाखोरी के कारण कई व्यवसायी डिजिटल पेमेंट की बजाय नगद पैसा लेते हैं।

करेंसी के दलाल 7 से 15 प्रतिशत कमीशन पर ऑनलाइन पेमेंट के बदले नगद पैसा देते हैं। कई बड़े सैनिक अधिकारी दलालों को संरक्षण देते हैं। अमेरिकी कंपनी वेस्टर्न यूनियन द्व्रारा भेजे गए पैसे तक लोग नहीं ले पा रहे हैं। विशेषज्ञों की चेतावनी है कि देश गंभीर वित्तीय संकट में फंस रहा है।

म्यांमार पर अंतरराष्ट्रीय क्राइसिस गु्रप के वरिष्ठ सलाहकरा रिचर्ड होर्से का कहना है, गंभीर आर्थिक संकट के कारण सरकार, बैंकों और अर्थव्यवस्था में विश्वास कम होता जा रहा है। फौजी तख्ता पलट के बाद हिंसा में 945 लोगों की मौत हुई है। इनमें अधिकतर सेना की गोलीबारी में मारे गए हैं। सेना के खिलाफ आंदोलन के कारण आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं। फौजी सरकार द्वारा ऑनलाइन पेमेंट पर रोक लगाने से संकट बढ़ गया। इंटरनेट बंद होने से लोगों को समस्या हुई।

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