
टोंक। राजकीय सआदत अस्पताल में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया गया। नशामुक्ति विशेषज्ञ जिला नोडल अधिकारी डॉ. सी.पी. बैरवा मनोरोग ने बताया कि जीवन कुदरत की बनाई अनमोल चीज है, इसके बावजूद इंसान इसे खत्म करने के बारे मे सोचता रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में हर साल करीब आठ लाख लोग खुदकुशी करते हैं।
हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या के कारण अपनी जान गंवाता है, ये आंकड़े (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट पर आधारित हैं। डॉ योगेश कुमार मनोरोग एवं नशामुक्ति विशेषज्ञ ने बताया की हर साल मौत को गले लगाने वाले लाखों लोग कई कारणों से आत्महत्या करते हैं। पूरी दुनिया में होने वाले इन सुसाइड की वजह से न सिर्फ एक परिवार बल्कि एक समुदाय और पूरा देश प्रभावित होता है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में खुदकुशी करने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 15 से 29 बताई गई है।
चौकाने वाली बात यह है कि आत्महत्या करने वाले 80 प्रतिशत लोग शिक्षित व नौजवान होते है। आत्महत्या का प्रयास चाहे किसी भी कारण से किया गया हो, इसे परिवारजनों, दोस्तो व मनोचिकित्सकीय उपचार के माध्यम से रोका जा सकता है। जीवन अनमोल है, इसे यू ही व्यर्थ में ना गवाए। बैठक में पीमओ डॉ. खेमराज बशीवाल, उपनियंत्रक डॉ. बी. एल मीणा, डॉ. रवि मिश्रा, डॉ. रामेश्वर, डॉ. राजीव यादव, डॉ. पकंज, कालूराम गुर्जर,कमलेश बैरवा, सीमा आदि मौजूद रहे।
मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लें, अपने पास किसी बंदूक, चाकू या किसी खतरनाक हथियार या ड्रग आदि को ना रखें, उनको अपने किसी भरोसेमंद दोस्त को सौंप दें। इसके अलावा उन चीजों की तलाश करना जो आपको खुशी देती हैं, जैसे परिवार के साथ या जिन दोस्तों को आप पसंद करते हैं उनके साथ रहना चाहिए। जो आपके पास अच्छी चीजें करने को हैं अपना ध्यान उन पर केंद्रित करने की कोशिश करें। व्यायाम करने के साथ पूरी नींद लें।
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