शहीद तुलछाराम की अंतिम विदाई में उमड़े हजारों लोग, पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन

बीकानेर। ग्लेशियर सियाचीन में डयूटी के दौरान शहीद हुए नोखा क्षेत्र के गांव केड़ली निवासी तुलछाराम सियाग की पार्थिव देह बुधवार को केड़ली गांव पहुंची। जहां अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में जनसमूह उमड़ पड़ा और हर एक की आंखें नम दिखी।

शहीद सूबेदार तुलछाराम फर्स्ट ग्लेशियर में राज रीफ सैकंड बटालियन सियाचीन में तैनात थे। गांव में सैनिक सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। पुत्र जसकरण व हर्ष ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। इस मौके पर सेना के जवानों ने सलामी मातमी धुन बजा सलामी दी।

शहीद की मां जेतादेवी, वीरांगना पुष्पादेवी, पुत्र जसकरण व हर्ष व परिजन बिलख पड़े और परिजन शहीद की देह से लिपट गए। यह दृश्य देख आसपास के लोगों की आंखें नम हो गई। ग्रामीणों ने परिजनों को ढांढ़स बंधाया। इस अवसर पर सैकंड राज रीफ के मेजर नवीनकुमार, सूबेदार मेजर नरेशपालसिंह (सेना मेडल), सूबेदार हरेन्द्र, जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी दिलीपसिंह शेखावत, एडीएम बलदेवराम धोजक आदि मौजूद थे।

शहीद की गाड़ी को गंगाशहर रोड पर रुकवाकर दी श्रद्धांजलि

नोखा के केड़ली गांव में शहीद तुलछाराम की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को की गई। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को दर्शनार्थ कैप्टन चंद्र चौधरी प्रतिमा स्थाल पर कुछ देर के लिए रोका गया। यहां केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और मेयर सुशीला कंवर भी आने वाले थे। लेकिन विलंब होते देख सेना ने गाड़ी आगे बढ़ा दी। उसके बाद गंगाशहर रोड पर गाड़ी को रुकवाया गया। वहां पहुंचकर केंद्रीय मंत्री और मेयर ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पूर्व चंद्र चौधरी प्रतिमा स्थल पर शहर भाजपा की ओर से अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किया।

शहीद तुलछाराम के गार्ड ऑफ ऑनर में हवाई फायर नहीं पर बेनीवाल नाराज

सियाचीन ग्लेशियर में शहीद हुए तुलछाराम को दिए गए अंतिम गॉर्ड ऑफ ऑनर में हवाई फायर नहीं करने पर लोगों ने नाराजगी जताई। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक तथा नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नाराजगी जताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा।

बेनीवाल ने पत्र में बताया कि यह पहली बार हुआ है जब शहीद को दिए जा रहे अंतिम गार्ड ऑफ ऑनर में सैन्य टुकड़ी ने हवाई फायर नहीं देना शहीद की शहादत का अपमान है। उन्होंने मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की। उन्होंने इस मामले में रक्षा मंत्रालय की स्थाई समिति के सभापति को पत्र लिखकर यूनिट के सैन्य अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने को कहा है।

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