
चूरू। जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा ने कहा है कि बाल अधिकारों का संरक्षण हम सभी का ध्येय होना चाहिए। बालकों से जुड़े मुद्दों पर हम सभी को संवेदनशीलता से कार्य करते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके सभी प्रकार के अधिकार उन्हें मिलें और भविष्य सुरक्षित हो।
जिला कलक्टर गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित समेकित बाल संरक्षण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन संबंधी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। जिला कलक्टर ने विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि हमें प्रोएक्टिव होकर बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने बाल विवाह रोकने, बालकों को समुचित पोषाहार उपलब्ध कराने के भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने कहा कि बालकों से जुड़े अपराधों में पीडि़तों को त्वरित
न्याय मिले और अपराधी को सजा मिले, यह हम सभी की कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पीडि़त बालकों को मनोवैज्ञानिक उपचार और संबलन भी मिलना चाहिए। आमजन को भी इस दिशा में जागरुक होना चाहिए।
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया ने बाल कल्याण समिति द्वारा एक अप्रैल से अब तक 118 में से 114 प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। बालश्रम से संबंधित सूचना के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 संचालित है। चाइल्ड लाइन द्वारा एक अप्रैल से अब तक 256 प्रकरणों का निस्तारण किया गया है।
इस दौरान किशोर न्याय बोर्ड के रामेश्वर प्रजापति, बाल कल्याण समिति सदस्य मनोज सैनी, हरफूल सिंह पचार, मनीराम, कमला देवी, शर्मिला देवी आदि ने लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, बाल विवाह रोकथाम, बाल श्रम नियंत्राण, बाल तस्करी रोकथाम सहित विभिन्न मसलों पर विचार व्यक्त करते हुए महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक में बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, राजकीय गृहों में आवासित बच्चों की व्यवस्था, विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी की गतिविधियां, गैर राजकीय अनुदानित बालिका आश्रय गृह, चाइल्ड लाइन, ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति स्तरीय बाल संरक्षण समितियां आदि विषयों पर व्यापक विचार विमर्श किया गया। हमारी कोशिश होनी चाहिए।
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