जयपुर के शैक्षणिक संस्थान कॉलपॉल अपनाकर स्मार्ट कैंपस में परिवर्तित

  • 10 कैंपसों के लिए प्रमुख शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों को स्वचालित करने और अगले 6 महीनों में जयपुर में दस हजार उपयोगकर्ताओं की सेवा करना का लक्ष्य

मोबाइल-फर्स्ट डिजिटल कैम्पस प्लेटफॉर्म कॉलपॉल ने जयपुर में एनआईएमएस यूनिवर्सिटी और आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की। शैक्षिक संस्थानों को सभी शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों को सुव्यवस्थित करने में मदद करके, कॉलपॉल सीखने के परिणामों में सुधार करने, अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करने, प्रशासनिक लागत में कटौती करने और सरकारी नियमों के अनुपालन को सक्षम करने में सहायता करता है।

इसके द्वारा जयपुर में 20,000 से अधिक छात्रों को एक सहज और अत्याधुनिक शिक्षण और स्मार्ट कैंपस अनुभव प्राप्त होगा। कॉलपॉल अगले 6 महीनों में 10,000 से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ 10 और संस्थानों के साथ साझेदारी करने की योजना बना रहा है।

हेमंत सहल, सीईओ और संस्थापक, कॉलपॉल का कहना है कि, “हम जयपुर में शैक्षणिक संस्थानों के डिजिटल परिवर्तन के बारे में उत्साहित हैं। भारतीय कैंपसों को बदलने और अपने सभी छात्रों को एक स्मार्ट कैंपस अनुभव प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्हें आवश्यक समय प्रदान करने के लिए प्रमुख प्रक्रियाओं का स्वचालन समय की आवश्यकता है।

नई तकनीकों को अपनाकर, जयपुर के प्रमुख संस्थान एनालिटिक्स और इनसाइट्स से लैस हैं जो उन्हें डेटा-सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाते हैं। हमारा लक्ष्य जयपुर भर के संस्थानों में उनके दीर्घकालिक प्रौद्योगिकी भागीदार बनकर दस हजार से अधिक उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करना है।”

आईआईएचएमआर के उपाध्यक्ष, नीरज श्रीवास्तव के अनुसार, “हम मैन्युअल प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से डिजिटाइज़ करने साथ-साथ आईआईएचएमआर में छात्रों और कर्मचारियों को एक शानदार उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान करने की कॉलपॉल की क्षमता से चकित हैं।

कॉलपॉल ने जिस गति से अत्यधिक नवीन विशेषताएं लाई हैं, वह वास्तव में उल्लेखनीय है। शैक्षणिक संस्थानों के लिए डिजिटल परिवर्तन समय की मांग है, और हमें कॉलपॉल में एक दीर्घकालिक प्रौद्योगिकी भागीदार मिलने पर खुशी है।”

2019 में जयपुर में आईआईएचएमआर जैसे विश्वविद्यालयों ने पारंपरिक तरीकों का पालन किया जो कागज-आधारित और समय लेने वाली मैनुअल प्रक्रियाएं थीं। सेवाओं और प्रशासनिक कार्यों जैसे कैरियर के अवसरों का मैनेजमेंट, प्लेसमेंट आवेदन, छात्र शिकायतों और अनुरोधों को ईमेल और फोन कॉल के माध्यम से नियंत्रित किया जाता था। वैश्विक महामारी के आगमन के साथ, शैक्षणिक गतिविधियों की निरंतरता सुनिश्चित करना मुश्किल हो गया था।

कॉलपॉल को अपनाने से छात्रों की व्यस्तता और अनुभव में वृद्धि हुई, शैक्षणिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पूर्ण पारदर्शिता के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की रिपोर्टों तक आसानी और तीव्रता से पहुंचा जा सका। कॉलपॉल ने शैक्षणिक संस्थान की फिजिकल गतिविधियों जैसे प्लेसमेंट, क्लासेज, लेसन प्लानिंग और ऑनलाइन स्पेस पर अटेंडेंस को सुचारू रूप से बदलने में सक्षम बनाया।

कॉलपॉल के कैंपस हेल्प सेंटर (सीएचसी) मॉड्यूल ने छात्रों को एक सेल्फ-सर्विसिंग टिकट जुटाने की सुविधा प्रदान की, जिससे आईटी हेल्प डेस्क, एडमिन हेल्प डेस्क, गेट पास, विज़िटर मैनेजमेंट, हॉस्टल सर्विसेज आदि जैसे कई वर्कफ़्लो स्वचालित हो गए। स्टार्टअप के लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम ने संस्थानों में अकादमिक निरंतरता सुनिश्चित करने में भी मदद की। इसके उपयोग से फैकल्टीज़ ने लेसन प्लान किये और बनाये, स्टूडेंट्स के साथ रिसोर्सेज शेयर किये, ऑनलाइन क्लासेज और अटेंडेंस ली, असाइनमेंट कलेक्ट किये और क्विज़ भी की।

आज के जेन-जेड छात्र और आने वाले जेन-अल्फा बच्चे डिजिटल मूल निवासी हैं और किसी भी पिछली पीढ़ी की तुलना में तकनीकी रूप से कहीं अधिक सक्षम हैं और कैंपस के माहौल में भी इसी तरह के अनुभव की उम्मीद करते हैं। संसाधनों तक पहुंच के संबंध में छात्रों की अपेक्षाओं,अपने शिक्षकों और साथियों के साथ संवाद के तरीकों का चुनाव को पूरा करने के लिए शिक्षा उद्योग को बदलने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

कॉलपॉल इस बदलाव पर बड़ा दांव लगा रहा है और इस प्लेटफार्म में पर्याप्त निवेश करना जारी रखेगा जो संस्थानों को रिकॉर्ड, जुड़ाव और साथ ही इंटेलिजेंस की एक प्रणाली प्रदान करने का वादा करता है ताकि वे अधिक मूल्य-वर्धित छात्र-उन्मुख गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

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