मेरे मन में अनगिनत भाव है और मेरे हाथ में उन भावों की अभिव्यक्ति करते मेरे शब्द : अंशु हर्ष

कविता संग्रह “समंदर-द ओशन” हिंदी और अंग्रेजी दोनों अनुवादों के साथ उपलब्ध है जो अपने में एक अनोखी पहल है।

जयपुर, बुक क्लब, जवाहर कला केंद्र में अंशु हर्ष द्वारा लिखित कविता संग्रह ‘समंदर – द ओशन’ के विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका अंग्रेजी अनुवाद डॉ अशोक तिवारी द्वारा किया गया है ।

समंदर – द ओशन एक कविता संग्रह है जिसका कवर पेज मनीष मूंदरा द्वारा चित्रित है। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुधीर सोनी ने किया। न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास (माननीय अध्यक्ष – राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग) और श्याम सुंदर बिसा (आईएएस (सेवानिवृत्त) माननीय सीनियर फेलो एचसीएम रिपा (ओटीएस)) की सौम्य उपस्थिति में कविता संग्रह का विमोचन किया गया।

अतिथि वक्ता डॉ. मालाश्री लाल (दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व डीन), डॉ. अशोक तिवारी (पूर्व प्रमुख अंग्रेजी विभाग – राजस्थान विश्वविद्यालय) और डॉ. डी.पी. अग्रवाल (पूर्व संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार) ने पुस्तक की एक संक्षिप्त समीक्षा प्रस्तुत की जहां उन्होंने संक्षेप में लेखक की भावनाओं के वर्णन के साथ कुछ कविताएं जैसे “मन का पंछी” (द हार्ट – अ बर्ड) , “अनजानी आस” (एन अननोन होप) , “नन्ही लड़की” ( अ यंग गर्ल) , “पेड” ( द ट्रीज) , “तुम और में” ( यु एंड आई) और “चाय” (टी) पढ़ी। अंशु हर्ष ने पुस्तक की कुछ कविताएं दर्शकों के लिए पढ़ी और अंत में मौजूद सभी सदस्यों का धन्यवाद किया।

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