
वर्तमान प्रोजेक्ट भी समयबद्ध रूप से कराना करें सुनिश्चित : मुख्यमंत्री
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के विकास में राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना (आरयूआईडीपी) का अहम योगदान है। इस योजना से राजस्थान के शहरों में पेयजल और सीवरेज जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट धरातल पर उतर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास कार्यों को लक्षित समयावधि पर धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की ?सी ही मंशा के अनुरूप परियोजना के तहत कई प्रोजेक्ट लक्षित समयावधि से पहले ही पूरे कर लिए गए हैं। अब वर्तमान में संचालित सभी प्रोजेक्ट को समयबद्ध रूप से पूरा कराना सुनिश्चित किया जाए। विकास कार्यों का निरंतर बारीकी से निरीक्षण हो। गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए।
गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान नगरीय आधारभूत विकास परियोजना के तहत संचालित विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परियोजना में प्रथम और द्वितीय चरण के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। तृतीय चरण के कार्यों में 86 प्रतिशत प्रगति होना अच्छा है। शेष कार्यों को भी शीघ्र पूर्ण किया जाए। साथ ही चतुर्थ चरण में प्रस्तावित कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि अगले मानसून से पूर्व ही सड़कों की खुदाई से संबंधित कार्यों को पूरा कराकर वापस सड़कों की मरम्मत कराना सुनिश्चित करें, ताकि बारिश में गड्ढों में पानी भराव की समस्या और दुर्घटनाओं से बचा जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि एशियन डवलपमेंट बैंक से कार्यों की अनुमति लेने के लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों से लगातार समन्वय बनाए रखें। उन्होंने पंजीकृत कॉन्ट्रेक्टर से समयबद्ध कार्य सुनिश्चित कराने और निगरानी रखने के लिए सख्त कानून बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरयूआईडीपी चतुर्थ चरण ट्रेंच-2 में कार्यों को लक्षित समयावधि से पहले ही पूरा कराने के प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने की नवाचारों की तारीफ
गहलोत ने ‘कम जलापूर्ति के क्षेत्रों में सीवरेज शोधन के लिए नई तकनीक’, ‘सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमतावद्र्धन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक’, ‘एसटीपी एवं एसपीएस पर दुर्गंध की समस्या के निवारण’ और विश्व में पहली बार ‘जलापूर्ति के लिए स्मार्ट डायनेमिक डीएमए’ तकनीक जैसे नवाचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नवाचार प्रदेश को नई दिशा देंगे।
आरयूआईडीपी के तृतीय चरण में 86 प्रतिशत प्रगत
आरयूआईडीपी के परियोजना निदेशक कुमार पाल गौतम ने प्रस्तुतीकरण देते हुए प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि तृतीय चरण में 12 शहरों में विकास कार्य हो रहे हैं। इनमें 14 कार्य हैं, जिनकी लागत 3490 करोड़ रूपये है। अभी तक भौतिक प्रगति 86 प्रतिशत हो गई है। दिसंबर 2022 तक 6 शहरों में पूर्ण होंगे सीवरेज, जलप्रदाय के कार्य उन्होंने बताया कि चतुर्थ चरण के प्रथम ट्रेंच में 14 शहरों में 14 कार्य किए जा रहे है। इसमें 3076 करोड़ रूपये की लागत आएगी। लक्ष्मणगढ़ में जलप्रदाय कार्य जून 2022 तक तथा फतेहपुर व प्रतापगढ़ में सीवरेज कार्य, आबू रोड, सिरोही और सरदारशहर में सीवरेज, जलप्रदाय कार्यों को दिसंबर 2022 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। शेष 8 शहरों में सीवरेज और जलप्रदाय के कार्य अक्टूबर 2023 तक पूरे हो जाएंगे।
2100 करोड़ की लागत से 37 शहरों में होंगे 54 कार्य
आरयूआईडीपी के चतुर्थ चरण (द्वितीय ट्रेंच) में प्रदेश के 37 शहरों में 54 कार्य कराये जा रहे हैं। इनमें कुल 2100 करोड़ रूपये लागत आएगी। इस परियोजना में जलप्रदाय, सीवरेज, फीकल स्लज ट्रीटमेंट कार्य के साथ शहरी सौंदर्यकरण के कार्य भी होंगे। अभी 1355 करोड़ रूपये के कार्यों की डीपीआर का एशियन विकास बैंक से अनुमोदन हो गया है।
जलप्रदाय एवं सीवरेज कार्यों में घरों मेें कनेक्शन भी
जलप्रदाय एवं सीवरेज कार्यों में घरों के कनेक्शन को परियोजना का हिस्सा बनाया गया है। इससे लाभार्थी को कनेक्शन के लिए राशि नहीं देनी पड़ेगी। एसटीपी, लाइनों आदि के ओ.एंड.एम राशि का भुगतान ऋण अवधि तक परियोजना में शामिल किया गया है। इससे नगरीय निकायों के लिए इनके संचालन एवं रख-रखाव का वित्तीय भार कम होगा। सड़क मरम्मत कार्य को प्राथमिकता देते हुए 7 मीटर तक डामर एवं 4 मीटर तक सीमेंट कंक्रीट सड़क को पूरी चौड़ाई में बनाया जाएगा। बैठक में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, स्वायत्त शासन सचिव जोगाराम सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।