राजस्थान : घने कोहरे से 6 वाहन भिड़े

राजस्थान में सर्दी
राजस्थान में सर्दी

4 जनवरी बाद फिर तेज होंगे सर्दी के तेवर

जयपुर। प्रदेश में पिछले तीन दिन से पड़ रही कड़ाके की ठंड की स्थिति फिलहाल ऐसी बनी रहेगी। सर्दी के तेवर कम होने की आशंका अभी कम है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटे बाद सर्दी का जोर हल्का होगा, लेकिन 4 जनवरी से फिर सर्दी के तेवर तीखे होंगे। वहीं, घने कोहरे का असर सड़कों पर दिखने लगा है। आज सुबह सीकर में ट्रक ने रोडवेज बस के टक्कर मार दी। घने के कोहरे के कारण छह गाडिय़ां इन वाहनों से टकरा गईं। इस हादसे में रोडवेज कंडक्टर की मौत हो गई।

राजस्थान में सर्दी
राजस्थान में सर्दी

हर साल की तरह इस साल लोगों को 31 दिसंबर या एक जनवरी को तेज सर्द हवाओं और कड़ाके की सर्दी जैसा मौसम देखने को नहीं मिलेगा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक 29 दिसंबर से उत्तर भारत के हिस्सों में एक नया वेस्टर्न डिस्र्टबेंस एक्टिव होगा, इसका असर गिलगिट-बाल्टिस्तान, कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश की ऊंची पहाडिय़ों पर देखने को मिलेगा।इससे वहां बारिश के साथ हल्का स्नोफॉल (बर्फबारी) होगा। इस सिस्टम के एक्टिव होने से उत्तरी हवाओं का मैदानी इलाकों में आना कम हो जाएगा, जिससे तापमान बढऩे लगेगा और लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिलने लगेगी। इस सिस्टम का असर 2-3 जनवरी तक रहेगा। 4 जनवरी से वापस उत्तरी हवाएं एक्टिव होंगी और तापमान गिरने लगेगा, जिससे एक बार फिर कोल्ड-वेव और कोल्ड जैसी कंडिशन देखने को मिलेगी।

2016 के बाद पहला सीजन जाएगा सूखा

राजस्थान में सर्दी
राजस्थान में सर्दी

इस सीजन सर्दी कम पडऩे के साथ मावठ भी अब तक नहीं हुई और 31 दिसंबर तक प्रदेश में मावठ होने के कोई आसार भी नहीं है। साल 2016 के बाद ये ऐसा होगा, जब दिसंबर के महीने में एक बूंद पानी कहीं नहीं बरसा। साल 2016 में भी दिसंबर के महीने में एक बूंद पानी नहीं बरसा था। उस साल चूरू में दिसंबर का न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही नहीं गया था। वहीं, बीकानेर में भी साल 2016 का दिसंबर सबसे कम ठंडा रहा था, यहां दिसंबर के महीने का सबसे कम तापमान 8.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ था।

चूरू में 12 साल में पांचवी बार पारा माइनस में नहीं गया

राजस्थान में चूरू ऐसा इलाका है जो गर्मी में भट्?टी की तरह तपता है। सर्दियों में ये कुल्लू-मनाली से भी ज्यादा ठंडा हो जाता है। यहां गर्मियों में आमतौर पर अधिकतम तापमान 47-48 पर पहुंच जाता है और कई बार ये 50 पर पहुंचा है। वहीं दिसंबर-जनवरी में यहां बर्फ जम जाती है।

पारा माइनस 2 से भी नीचे तक चला जाता है। पिछले 11 साल की रिपोर्ट देखे तो चूरू में 3 सीजन (साल 2012, 2014, 2016 और 2017 ) ही ऐसे गए है, जब दिसंबर में पारा माइनस में नहीं गया था। इस सीजन में भी ऐसा हुआ है, हालांकि चूरू में कल तापमान 0 पर दर्ज हुआ, लेकिन माइनस में अब तक नहीं गया।मानसून के बाद दिसंबर से लेकर मई तक राज्य में बारिश होती है वह वेस्टर्न डिस्र्टबेंस से होती है। दिसंबर, जनवरी में मावठ होने के पीछे भी बड़ा कारण वेस्टर्न डिस्र्टबेंस ही होता है। लेकिन इस सीजन में राजस्थान में दिसंबर में एक भी वेस्टर्न डिस्र्टबेंस नहीं आया, जिसके कारण इस साल दिसंबर सूखा ही बीत रहा है।

मौसम विशेषज्ञों और पुराने रिकॉर्ड देखे तो दिसंबर के महीने में एक से तीन अलग-अलग दौर में ये सिस्टम आता है, जिसका सबसे ज्यादा असर गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और झुंझुनूं, चूरू एरिया में देखने को मिलता है। इस बार गंगानगर में एक वेस्टर्न डिस्र्टबेंस नहीं आने से यहां बारिश की एक बूंद नहीं पड़ी। हालांकि, पिछले 3-4 दिन ये यहां घना कोहरा छा रहा है, जिससे लोगों को 29 दिसंबर से राहत मिलने लगेगी।

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