
जयपुर। जयपुर स्थित भारत सरकार के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद की दवाओं के माध्यम से कोरोना संक्रमण से बचाव एवं इलाज के लिए आयुष मंत्रालय की अधिसूचना अनुसार राज्य सरकार की सिद्धांतत: मंजूरी के बाद प्रस्तुत योजना पर प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीजों पर आयुर्वेद दवाओं के परीक्षण की अनुमति अभी प्राप्त नहीं हुई है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान: आयुर्वेद दवाओं के परीक्षण की अनुमति अभी प्राप्त नहीं हुई है
आयुर्वेद संस्थान अस्पताल में भर्ती कोरोना पीडि़तों के साथ ही होम क्वारंटीन में रह रहे लोगों पर भी आयुर्वेद दवा का परीक्षण करना चाहता है। अस्पताल प्रशासन की ओर से कुछ स्पष्टीकरण चाहे गये हैं, जिन्हे शीघ्र ही प्रस्तुत कर अनुमति प्राप्त की जाएगी ।
डॉ.शर्मा ने इन खबरों का खंडन किया कि राज्य के चिकित्सा विभाग ने इसे इंकार कर दिया है। उन्होनें बताया कि हमारी योजना अनुसार कोरोना के मरीजों को एलोपैथिक दवा के माध्यम से उपचार चलता रहे और हम आयुर्वेद दवा के माध्यम से भी उनका इलाज करने का प्रयास करें। आयुर्वेद संस्थान एसएमएस में शोध भी करना चाहता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इस तरह के परीक्षण हेतु कुछ दिशा निर्देशों के साथ अधिसूचना जारी कर रखी है । उन्होंने बताया कि संस्थान की तरफ से फील्ड में काम कर रहे कोरोना वॉरियर्स की इम्यूनिटी मजबूत करने को लेकर विशेष काढ़ा, कैप्सूल एवं च्यवनप्राश तैयार किया गया है। करीब ढ़ाई हजार कोरोना वॉरियर्स में इन्हे वितरित भी किया गया है। उन्होंने बताया कि संस्थान में 3500 किलो च्यवनप्राश तैयार किया गया है।
लोगों को घर में काढ़ा बनाने को लेकर जागरूक करने का अभियान चलाया गया है। लोगों को बताया जा रहा है कि वे तुलसी, दालचीनी, सौंठ व कालीमिर्च के मिश्रण का काढ़ा बनाकर कोरोना से बच सकते हैं।
जलतेदीप से बोले डॉ रघु शर्मा- जल्द उचित निर्णय लेंगे

जब इस पूरे मामले पर दैनिक जलतेदीप ने चिकित्सा एवं आयुर्वेद मन्त्री डॉ. रघु शर्मा से बात की तो डॉ.रघु शर्मा ने जलतेदीप को बताया कि आयुर्वेद विभाग की ओर से अभी तक उनके सामने प्रकरण की प्रस्तुति नही हुई है, प्रस्तुत होने पर वे उचित निर्णय लेंगे ।